-
हैंडपंप के पास धंसी ज़मीन, जलस्रोत बना जानलेवा गड्ढा
-
छात्रावास के बाहर हादसे को दावत, जिम्मेदार मौन !
सिंगरौली।शहर के हृदयस्थल में सुरक्षा को ताक पर रखकर एक और लापरवाही सामने आई है। शिवधाम मंदिर के पास आदिवासी छात्रावास के मुख्य द्वार से सटे सार्वजनिक हैंडपंप के पास ज़मीन धंसक गई है। देखते ही देखते वहाँ एक बड़ा गड्ढा बन गया, लेकिन आश्चर्य यह कि न तो कोई चेतावनी बोर्ड लगाया गया और न ही कोई घेराबंदी की गई।
पानी की प्यास बुझाने वाला हैंडपंप, अब बन गया खतरे की घंटी
गड्ढे के चारों ओर की इंटरलॉकिंग टाइल्स धंस चुकी हैं। मिट्टी बह चुकी है और नीचे का हिस्सा पूरी तरह से खोखला हो गया है। हैंडपंप तक पहुंचना अब खतरे से खाली नहीं। आसपास के लोग, खासकर बुजुर्ग और स्कूली बच्चे, हमेशा खतरे के साये में पानी भरने आते हैं।
आदिवासी छात्रावास के बाहर हादसे को दावत, जिम्मेदार मौन! @PSingrauli @CMMadhyaPradesh @CollectorSGL https://t.co/Sa2SFZgitw pic.twitter.com/DU3dqMFZ5V
— हिन्दी न्यूज़ (@UrjanchalTiger) July 4, 2025
न जिम्मेदार पहुंचे, न कोई कार्रवाई
घटना को कई दिन बीत चुके हैं, लेकिन अब तक नगर निगम या जनस्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग की ओर से कोई भी कर्मचारी मौके पर नहीं पहुंचा है। छात्रावास की प्रमुख ने भी हालात को लेकर चिंता जताई है, लेकिन किसी के कान पर जूं तक नहीं रेंगी।
नल का जल तो दूर, खतरे से बचना मुश्किल
स्थानीय नागरिकों का कहना है कि यह हैंडपंप वार्ड का एकमात्र जलस्रोत है। छात्रावास में रहने वाले आदिवासी छात्र-छात्राओं और आसपास की बस्तियों के लोग इसी हैंडपंप पर निर्भर हैं। गड्ढा बनने के बाद से पानी भरने में दिक्कत हो रही है, और हादसे की आशंका से लोग डरे हुए हैं।
प्रशासन की चुप्पी खतरनाक !
इस तरह की घटनाएं अगर नजरअंदाज की जाती रहीं, तो कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है। सवाल यह है कि क्या जिम्मेदारों को किसी अनहोनी का इंतजार है?