PIB Fact-Check : PIB की “Fact Check” यूनिट अब काम नहीं करेगी। सुप्रीम कोर्ट ने अभिव्यक्ति की आजादी से जुड़े मुद्दे का हवाला देते हुए केंद्र सरकार द्वारा एक दिन पहले जारी यूनिट स्थापना की अधिसूचना पर रोक लगा दी। केंद्र की मोदी सरकार के इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्रालय ने पिछले साल फैक्ट चेक यूनिट की घोषणा की थी और पिछले दिन इसके नियमों को अधिसूचित किया था, लेकिन अगले ही दिन सुप्रीम कोर्ट ने मोदी सरकार को झटका दे दिया। सीजेआई चंद्रचूड़ की बेंच ने ये रोक लगाई है। पीठ ने कहा, “हमारा मानना है कि उच्च न्यायालय के समक्ष मुद्दे संविधान के अनुच्छेद 19(1)(ए) के मुख्य मुद्दों से संबंधित हैं।” पीठ में जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा भी शामिल थे।
PIB Fact-Check यूनिट पर कोर्ट ने क्या कहा
पीठ ने कहा, “हमारा विचार है कि अंतरिम उपायों के लिए आवेदन खारिज होने के बाद, 20 मार्च, 2024 को जारी अधिसूचना को निलंबित करना आवश्यक है। अनुच्छेद 3(1)(बी)(5) की वैधता को चुनौती देना शामिल है।” गंभीर संवैधानिक मुद्दे और उच्च न्यायालय के लिए “भाषण की स्वतंत्रता” और अभिव्यक्ति पर नियमों के प्रभाव का विश्लेषण करना आवश्यक था।’ सरकारी अधिसूचना के अनुसार, एफसीयू केंद्र सरकार सभी संबंधित फर्जी खबरों या गलत सूचनाओं को संबोधित करने या सचेत करने के लिए नोडल एजेंसी होगी।
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