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रेलवे ने सिंगरौली कलेक्टर को पत्र के माध्यम से रेलवे लाइन में व्यापक भ्रष्टाचार से कराया अवगत

Lalitpur-Singrauli : मध्य प्रदेश के विन्ध्य क्षेत्र को उत्तर प्रदेश से जोड़ने वाली 541 किलोमीटर लंबी ललितपुर-सिंगरौली रेलवे को 1997-98 में मंजूरी दी गई थी। इस परियोजना के लिए 2016 में तत्कालीन रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने 6,672 करोड़ रुपये जारी किए, तब इस परियोजना में तेजी आई। उसी साल मंत्री ने सीधी रेलवे स्टेशन की आधारशिला भी रखी। यह दूसरी बात है कि सात साल बाद भी यह तैयार नहीं हो सका है। आपको बता दें की सिंगरौली के करीब 22 गांवों में जमीन अधिग्रहण में अनियमितताएं पाई गईं।

सीधी सिंगरौली में व्यापक भ्रष्टाचार को देखते हुए फरवरी 2021 में रेलवे ने मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव (राजस्व) और सिंगरौली के जिला कलेक्टर को पत्र लिखकर कुर्सा सहित कई गांवों के राजस्व रिकॉर्ड में अनियमितताओं की ओर उनका ध्यान आकर्षित किया था।

जिसमें से कुर्सा में 60 भूखंडों में से 27 अनियमित पाए गए। रेलवे ने पत्र में लिखा, ‘इस प्लॉट (कुर्सा में) का मालिक स्थानीय है लेकिन जमीन पर दिखाए गए घर बाहरी लोगों के हैं। एक मामले में जमीन तो अशोक कुमार कुम्हार की है, लेकिन उनकी संपत्ति पर दिखाये गये 19 मकान बाहरी लोगों के हैं। 19 मकानों के बदले मकान मालिकों को 6.59 करोड़ रुपये मुआवजा दिया गया है, ऐसा क्यों?’

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