सिंगरौली जिले के कलेक्टर गौरव बेनल एक बार फिर चर्चा में हैं। इस बार वजह कोई आदेश या कार्रवाई नहीं, बल्कि एक भावनात्मक और मानवीय निर्णय है। उन्होंने एनटीपीसी के आरामदायक आवास को छोड़ जनता के बीच रहने का फैसला किया है। यह कदम किसी सरकारी आदेश से नहीं, बल्कि उनके जनसरोकारों से जुड़ी सोच से प्रेरित है।
सिंगरौली के कलेक्टर गौरव बेनल ने एनटीपीसी के आलीशान आवास को छोड़ जनता के बीच रहने का निर्णय लिया। यह कदम जनता से जुड़ाव और प्रशासन में संवेदनशीलता का प्रतीक बन गया है।
जब वर्ष 2008 में सिंगरौली जिला बना था, तब अधिकारी एनटीपीसी विंध्याचल के सुरक्षित परिसर में रहते थे। कई साल बीत गए, लेकिन यह परंपरा नहीं टूटी। कलेक्टर और एसपी दोनों ही उसी परिसर में रहे, जहां सुरक्षा तो थी, लेकिन जनता की पहुंच बेहद कठिन थी।
कलेक्टर गौरव बेनल ने छोड़ा NTPC का आवास
कलेक्टर गौरव बेनल ने महसूस किया कि जनता और प्रशासन के बीच यह दूरी उचित नहीं है। उन्होंने तय किया कि कलेक्टर का घर जनता से दूर नहीं, बल्कि जनता के बीच होना चाहिए। इसी सोच के साथ उन्होंने बैढ़न स्थित सरकारी कलेक्टर आवास में सपरिवार रहने का निर्णय लिया।
जनता से जुड़ाव की नई मिसाल
यह कदम सिर्फ स्थान परिवर्तन नहीं है, बल्कि सोच में बदलाव का प्रतीक है। कलेक्टर गौरव बेनल का संदेश साफ है – जनता से दूरी दीवारों से नहीं, बल्कि संवाद की कमी से बनती है। अब सिंगरौली में चर्चा है कि “कलेक्टर गौरव बेनल ने साबित कर दिया कि असली ताकत पद में नहीं, नीयत में होती है।”
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जनता में बढ़ा सम्मान
कलेक्टर के इस फैसले से नगर में सकारात्मक माहौल बना है। लोगों में यह खुशी है कि अब वे बिना किसी रोक-टोक के अपने कलेक्टर तक पहुँच सकेंगे। नगर निगम के कर्मचारियों में भी उत्साह देखने को मिला। शुक्रवार को कलेक्टर गौरव बेनल अपनी पत्नी संग नए आवास का निरीक्षण करने पहुंचे। उन्होंने व्यवस्था का जायजा लिया और आवश्यक सुधार के निर्देश दिए।
कलेक्टर गौरव बेनल का यह कदम सिंगरौली के प्रशासन में मानवीयता की नई हवा लेकर आया है। उनका यह निर्णय दिखाता है कि जनता के दिल में जगह पाने के लिए पद नहीं, बल्कि सच्ची नीयत की जरूरत होती है।










