चुनाव आयोग ने बिहार SIR ड्राफ्ट वोटर लिस्ट से बाहर हुए मतदाताओं की सूची सार्वजनिक कर दी है। जानिए नाम हटने की वजह, जांच की प्रक्रिया और सुप्रीम कोर्ट के निर्देश।
बिहार SIR अभियान : हटे हुए मतदाताओं की सूची सार्वजनिक
बिहार में चुनाव आयोग ने स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR) के तहत ड्राफ्ट वोटर लिस्ट से हटाए गए मतदाताओं की सूची जारी कर दी है। अब यह सूची आम लोगों के लिए आयोग की आधिकारिक वेबसाइट पर उपलब्ध है। जो लोग अपने या परिवार के सदस्य का नाम वोटर लिस्ट में नहीं पा रहे थे, उनके लिए यह प्रक्रिया काफी अहम साबित हो रही है।
सूची में उन्हीं मतदाताओं के नाम दिए गए हैं जिनके नाम विशेष कारणों से हटाए गए, जैसे मृत्यु, स्थानांतरण या दोहरी प्रविष्टि। आयोग की वेबसाइट पर एक नया लिंक भी एक्टिव कर दिया गया है, ताकि हर व्यक्ति आसानी से क्षेत्र, भाग संख्या या बूथ के आधार पर अपना नाम मनचाही सूची में चेक कर सके।
सुप्रीम कोर्ट के सख्त निर्देश
देश की सर्वोच्च अदालत ने चुनाव आयोग को निर्देश दिए हैं कि वह प्रत्येक जिले के स्तर पर हटाए गए मतदाताओं की पूरी सूची प्रकाशित करे। साथ ही, ये भी बताना जरूरी है कि नाम हटाने की वजह क्या रही। मौत, दूसरी जगह जाना (माइग्रेशन) या डबल रजिस्ट्रेशन। यह पारदर्शिता लोकतांत्रिक प्रक्रिया के लिए अहम मानी जा रही है।
अदालत ने यह भी निर्देश दिया कि, हर जिला निर्वाचन अधिकारी कार्यालय पर बूथवार हटाए गए वोटरों की सूचियाँ सार्वजनिक रूप से लगाई जाए। इससे आम जनता खुद जाकर नाम चेक कर सकते हैं और गलती की स्थिति में आपत्ति दर्ज करा सकते हैं।
जनता के लिए प्रक्रिया
- चुनाव आयोग की वेबसाइट पर नया लिंक एक्टिव है, जिससे कोई भी मतदाता आसानी से सूची देख सकता है।
- आम लोग अपने क्षेत्र, बूथ या जिला अनुसार हटे हुए नाम व कारणों की जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
- अशुद्धि या गलत हटाने की स्थिति में मतदाता संबंधित कार्यालय या ऑनलाइन माध्यम से शिकायत दर्ज करा सकते हैं।
इस पूरे अभियान का मकसद वोटर लिस्ट को पूरी तरह से दुरुस्त और पारदर्शी बनाना है, ताकि लोकतांत्रिक अधिकारों की रक्षा हो सके और चुनाव प्रक्रिया निष्पक्ष रहे। आयोग की यह पहल बिहार की चुनावी पारदर्शिता को एक नया आयाम देती है।










