मध्य प्रदेश
मध्य प्रदेश में बीजेपी और कांग्रेस के बीच कांटे की टक्कर, IBC24 के चुनावी सर्वे में भाजपा की हो सकती है वापसी!

MP Election : मध्यप्रदेश में इस साल के अंत में होने जा रहे विधानसभा चुनाव को लेकर चुनावी सरगर्मी जोर पकड़ चुकी है। भाजपा और कांग्रेस दोनों ही दल मध्यप्रदेश में अपनी-अपनी सरकार बनाने का दावा कर रहे हैं और इसके लिए वो जनता को लुभाने का कोई मौका नहीं छोड़ रहे हैं। इन दलों के दावे की जमीनी हकीकत जानने के लिए IBC24 ने जनता की नब्ज टटोलने की पहल की है। इसके लिए IBC24 ने ऑफ लाइन और ऑन लाइन माध्यम से करीब साढ़े 25 हजार लोगों से उनकी राय जानी। सर्वे के नतीजे बताते हैं कि मध्यप्रदेश में भाजपा और कांग्रेस के बीच कांटे की टक्कर है और अगर आज मध्यप्रदेश में चुनाव हुए तो मामूली मार्जिन से ही सही भारतीय जनता पार्टी सरकार बना सकती है।
करीब साढ़े 25 हजार सैंपल साइज से मिले आंकड़े बताते हैं कि मध्यप्रदेश में भाजपा की सरकार में वापसी हो सकती है। हमने लोगों से पूछा कि अगर आज चुनाव हुए तो वे किस पार्टी को वोट देंगे? इस सवाल के जवाब में 52 फीसदी लोगों ने भाजपा को जबकि 44 फीसदी लोगों ने कांग्रेस को वोट देने की बात कही है जबकि 4 फीसदी लोगों ने अन्य पार्टी पर भरोसा जताया। इस आधार पर 230 सदस्यीय मध्यप्रदेश विधानसभा में भाजपा को 110 से 120 सीट मिल सकती है जबकि कांग्रेस के खाते में 101 से 110 सीटें आ सकती हैं। वहीं अन्य पार्टियों की झोली में 5 से 10 सीटें आ सकती हैं।
वहीं मुख्यमंत्री के रूप में मौजूदा मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और कमलनाथ के बीच कड़ा मुकाबला देखने को मिल सकता है। मुख्यमंत्री के तौर पर 49 फीसदी लोगों ने शिवराज सिंह चौहान को, जबकि 44 फीसदी लोगों ने कमलनाथ को अपनी पसंद बताया। वहीं 7 फीसदी लोग किसी अन्य को मुख्यमंत्री देखना चाहते हैं। वहीं प्रधानमंत्री पद के लिए मध्यप्रदेश के लोगों के लिए भी नरेंद्र मोदी पहली पसंद बने हुए हैं। 68 फीसदी लोग नरेंद्र मोदी को जबकि 30 फीसदी लोग राहुल गांधी को प्रधानमंत्री बनाना चाहते हैं। वहीं सर्वे से ये बात उभर कर सामने आई कि लोग वोट देते समय सबसे ज्यादा प्रत्याशी को महत्व देते हैं। लोगों से पूछा गया कि वो पार्टी, प्रत्याशी या फिर मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार में से किसको देखकर वोट देंगे तो 43 फीसदी लोगों ने प्रत्याशी को अपनी पहली प्राथमिकता बताया। जबकि 25 फीसदी लोगों ने पार्टी को वहीं 15 फीसदी लोगों ने मुख्यमंत्री का उम्मीदवार के आधार पर वोट देने की बात कही। वहीं मुद्दों के आधार पर 16 फीसदी जबकि जाति देखकर महज 1 फीसदी लोग वोट देना चाहते हैं।
इसके अलावा सर्वे का एक महत्वपूर्ण सवाल भाजपा और कांग्रेस की ओर से जनता को लुभाने के लिए किए जा रहे वादों से जुड़ा था। हमने जनता से पूछा कि वे कांग्रेस की ओर से किए जा रहे किस वादे से प्रभावित होकर अपना वोट देंगे। इस सवाल के जवाब में मिले नतीजे बताते हैं कि सबसे ज्यादा 37 फीसदी लोगों को किसानों की कर्जमाफी का मुद्दा भाया है। वहीं 29 फीसदी लोगों को 500 रुपए में गैस सिलेंडर, 27 फीसदी लोगों को पुरानी पेंशन बहाली जबकि 7 फीसदी लोगों को महिलाओं को 18 हजार रुपए देने के वादे ने लुभाया है। वहीं शिवराज सरकार की गेम चेंजर मानी जा रही लाडली बहना योजना को सर्वे में भी जोरदार रिस्पांस मिला है। 51 फीसदी लोगों को लाडली बहना योजना पसंद आई है, जबकि 24 फीसदी लोगों को लाडली लक्ष्मी -2 योजना और 25 फीसदी लोगों ने सीएम रोजगार योजना पर मुहर लगाई है।
वहीं जब हमने लोगों से पूछा कि पिछले चुनावों में किए गए वादे क्या पूरे हुए हैं तो इसके नतीजे सरकार के लिए आंख खोलने वाले मिले हैं। 45 फीसदी लोगों ने वादे पूरे नहीं होने की बात कही है जबकि 19-19 फीसदी लोगों ने औसत और पूरे होने की बात कही। जबकि 17 फीसदी लोगों ने माना कि आधे वादे पूरे हुए है। वहीं जब लोगों से पूछा गया कि बीते पांच सालों में उनके क्षेत्र में हुए विकास कार्यों से क्या आप संतुष्ट हैं तो 51 फीसदी लोग असंतुष्ट नजर आए। जबकि 22 फीसदी लोगों ने बहुत अच्छा और 18 फीसदी लोगों ने अच्छा विकास बताया। अपेक्षित विकास नहीं होने के लिए लोगों ने सबसे ज्यादा विधायक को जिम्मेदार ठहराया है। सर्वे में शामिल लोगों में से 53 फीसदी लोगों ने विधायक को, 30 फीसदी लोगों ने राज्य सरकार को, 03 फीसदी लोगों ने केंद्र सरकार को जिम्मेदार ठहराया है, जबकि 14 फीसदी लोगों ने कोई राय जाहिर नहीं की।
आपको बता दें कि IBC24 ने ऑफलाइन और ऑन लाइन दोनों माध्यमों के जरिए लोगों की राय जानने की कोशिश की। सर्वे फार्म के जरिए हम जहां सीधे लोगों के बीच पहुंचे वहीं IBC24 के डिजिटल प्लेटफार्म के जरिए भी हमने लोगों से ऑनलाइन उनकी राय जानी। इनमें से करीब 25 हजार लोगों की राय को हमने सर्वे में शामिल किया। जबकि हमारा सैंपल साइज इससे भी बड़ा था, पर सर्वे के नतीजों को प्रमाणिकता की कसौटी पर खरा उतारने के लिए उन फार्म को सर्वे में शामिल नहीं किया गया, जिन्हें लोगों ने आधे-अधूरे या एक से ज्यादा विकल्पों को भर दिया था। जिनके फोन नंबर, पता या पहचान संदिग्ध नजर आई उन्हें भी गणना से बाहर कर दिया गया। इस तरीके से फिल्टर करने के बाद 25 हजार से ज्यादा के सर्वे सैंपल साइज के आधार पर ये रुझान सामने आए हैं। उल्लेखनीय है कि पिछले चुनावों में भी IBC24 ने चुनाव से पूर्व सर्वे किया था, जिससे मिले नतीजे चुनाव परिणामों के बिल्कुल अनुरूप साबित हुए थे।

मध्य प्रदेश
New Responsibilities to IAS Officers : चार IAS अफसरों को मिली नई जिम्मेदारी, देखें लिस्ट

New Responsibilities to IAS Officers : मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव के बीच राज्य सरकार ने चार IAS अफसरों को नई जिम्मेदारियां सौंपी हैं. इसमें 2011 बैच के अधिकारी वीएस चौधरी कोलसानी नगरीय विकास एवं आवास विभाग के उप सचिव को मध्य प्रदेश जल निगम का प्रबंध संचालक बनाया गया है। कोलसानी के कार्यभार संभालने के बाद IAS संजय कुमार शुक्ला जल निगम के अतिरिक्त प्रभार से मुक्त हो जाएंगे।
वहीं मध्य प्रदेश शासन के 2012 बैच के उप सचिव नरेंद्र कुमार सूर्यवंशी को राज्य बीज एवं फार्म विकास निगम का प्रबंध संचालक बनाया गया है। पदभार ग्रहण करने के बाद प्रीत मैथिल राज्य बीज एवं फार्म विकास निगम के प्रबंध निदेशक के अतिरिक्त प्रभार से मुक्त हो जायेंगे।
इसके साथ ही 2011 बैच के मध्य प्रदेश शासन के उप सचिव शिवराज सिंह वर्मा को नगरीय विकास एवं आवास विभाग का उप सचिव नियुक्त किया गया है। मध्य प्रदेश शासन की 2018 बैच की उप सचिव वंदना शर्मा को वाणिज्यिक कर विभाग का उप सचिव नियुक्त किया गया है।
मध्य प्रदेश
Assembly Election 2023 : आप की रानी ने नामांकन पत्र दाखिल कर मैदान में उतरी

Assembly Election 2023 : मध्य प्रदेश की राजनीति में पहली बार आम आदमी पार्टी ने आगामी चुनाव में रानी अग्रवाल को सिंगरौली विधानसभा सीट से मैदान में उतारा है। आपको बता दें की मध्य प्रदेश में आम आदमी पार्टी की अध्यक्ष और सिंगरौली की वर्तमान मेयर रानी अग्रवाल को अब पार्टी ने उन्हें मध्य प्रदेश के विधानसभा चुनाव के सिंगरौली से उम्मीदवार बनाया है।
AAP के राष्ट्रीय संयोजक श्री अरविंद केजरीवाल जी का बहुत- बहुत आभार एक बार फिर से मुझमें विश्वास रखने और इस बार एक बहुत बड़ी जिम्मेदारी देने के लिए।
मध्यप्रदेश के सभी नेताओं और कार्यकर्ता साथियों को भी आभार जिन्होंने अपने आशीर्वाद और प्यार से मुझे सपोर्ट किया। pic.twitter.com/xYQIsh8ssZ
— Rani Agrawal (@AAPRaniAgrawal) October 23, 2023
रानी अग्रवाल ने सिंगरौली से चुनाव मैदान में उतारने के लिए आम आदमी पार्टी के संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को आभार व्यक्त व्यक्त करते हुए कहा कि ”एक बार फिर से मुझमें विश्वास रखने और इस बार एक बहुत बड़ी जिम्मेदारी देने के लिए”। उन्होंने यह भी कहा की ”मध्यप्रदेश के सभी नेताओं और कार्यकर्ता साथियों को भी आभार जिन्होंने अपने आशीर्वाद और प्यार से मुझे सपोर्ट किया”।
आज आम आदमी पार्टी की तरफ से सिंगरौली प्रत्याशी के लिए अपना नामांकन भरा। मुझे विश्वास है जितना प्यार सिंगरौली की जनता ने पहले दिया है उतना ही आशीर्वाद और भरोसा अब भी मुझसे करके मुझे सेवा का मौका जरूर देगी। pic.twitter.com/t3ogRy9LTM
— Rani Agrawal (@AAPRaniAgrawal) October 23, 2023
सिंगरौली की वर्तमान आप की मेयर 23/10/2023 को आम आदमी पार्टी से विधानसभा चुनाव की उम्मीदार बनाये जाने के बाद नामांकन पात्र दाखिल किया। उसके बाद उन्होंने कहा की ”मुझे विश्वास है जितना प्यार सिंगरौली की जनता ने पहले दिया है उतना ही आशीर्वाद और भरोसा अब भी मुझसे करके मुझे सेवा का मौका जरूर देगी”।
मध्य प्रदेश
रेलवे ने सिंगरौली कलेक्टर को पत्र के माध्यम से रेलवे लाइन में व्यापक भ्रष्टाचार से कराया अवगत

Lalitpur-Singrauli : मध्य प्रदेश के विन्ध्य क्षेत्र को उत्तर प्रदेश से जोड़ने वाली 541 किलोमीटर लंबी ललितपुर-सिंगरौली रेलवे को 1997-98 में मंजूरी दी गई थी। इस परियोजना के लिए 2016 में तत्कालीन रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने 6,672 करोड़ रुपये जारी किए, तब इस परियोजना में तेजी आई। उसी साल मंत्री ने सीधी रेलवे स्टेशन की आधारशिला भी रखी। यह दूसरी बात है कि सात साल बाद भी यह तैयार नहीं हो सका है। आपको बता दें की सिंगरौली के करीब 22 गांवों में जमीन अधिग्रहण में अनियमितताएं पाई गईं।
2. मध्य प्रदेश के विंध क्षेत्र को उत्तर प्रदेश से जोड़ने वाले 541 किलोमीटर लंबे ललितपुर-सिंगरौली रेलवे ट्रैक को 1997-98 में मंजूरी दी गई थी।
लेकिन 2016 में ही इसमें तेजी आ सकी जब तत्कालीन रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने परियोजना के लिए 6,672 करोड़ रुपये उपलब्ध कराए। मंत्री ने उसी साल… pic.twitter.com/tfPEnMJN80
— काश/if Kakvi (@KashifKakvi) October 21, 2023
सीधी सिंगरौली में व्यापक भ्रष्टाचार को देखते हुए फरवरी 2021 में रेलवे ने मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव (राजस्व) और सिंगरौली के जिला कलेक्टर को पत्र लिखकर कुर्सा सहित कई गांवों के राजस्व रिकॉर्ड में अनियमितताओं की ओर उनका ध्यान आकर्षित किया था।
जिसमें से कुर्सा में 60 भूखंडों में से 27 अनियमित पाए गए। रेलवे ने पत्र में लिखा, ‘इस प्लॉट (कुर्सा में) का मालिक स्थानीय है लेकिन जमीन पर दिखाए गए घर बाहरी लोगों के हैं। एक मामले में जमीन तो अशोक कुमार कुम्हार की है, लेकिन उनकी संपत्ति पर दिखाये गये 19 मकान बाहरी लोगों के हैं। 19 मकानों के बदले मकान मालिकों को 6.59 करोड़ रुपये मुआवजा दिया गया है, ऐसा क्यों?’
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