क्या Google अपने Search browser Google Chrome को बेचने पर मजबूर होगा? इंटरनेट की दुनिया के इस सबसे लोकप्रिय सेर्च ब्राॉजर यानि के Chrome के दम पर Google ने जो सामराज्य अपना खड़ा किया है। इंटरनेट पर सर्च के लिए उसे अमेरिका के एक आधिकार कानून के का उलंगन माना जा रहा है। अमेरिका के कानून विभाग ने ये कहा है कि Google अपने Chrome को बेच दे।
कानून विभाग ने Google को सर्च पर एक आधिकार बनाने से रोकने के लिए जो सुझाव दिये हैं ये उन में से एक है। सरकारी वकीलों की ये सफारिश है कि Google को Apple और Samsung जैसी कंपणियों से करार करने से रोका जाए। ऐसे करार से Chrome इन कंपणियों के मॉबाईल और स्मार्टफोन का डीफॉल्ट सर्च इंजन बनता है।
दर असल अगस्त में डिस्ट्रिक जज अमित महता ने अपने एतिहासिक फैसले में कहा है कि Google Online सर्च में प्रतिस्पर्धा खत्म कर रहा है जो अमेरिकी कानून का उलंघन है। क्योंकि ज्यादातर सर्च के लिए Chrome का इस्तेमाल होता है। और कई फोन पे Chrome डीफॉल्ट ब्राउजर है। Google ने अमेरिका के कानून विभाग के इन सुझावों पर तीखी प्रतिक्रिया जताई है।
गूगल का कहना है कि कानून मंत्रालय का यह कार्य राडिकल हशतक्षेप जैसा है। इससे अमेरिका को नुकसान होगा और ग्लोबल तक्नीक में अमेरिका के नेतृत्व को भी। वैसे विवाद अभी लंबा खिचना है। गूगल को 20 दिसमबर तक अपनी बात रखनी है।और अदालत को 2025 में फैसला करना है।