संपत्ति (Property) खरीदते समय यह समझना जरूरी है कि केवल रजिस्ट्री (पंजीकरण) दस्तावेज़ होना ही पर्याप्त नहीं है। असली मालिकाना हक साबित करने के लिए आपको कई महत्वपूर्ण दस्तावेज़ों की जरूरत होती है, जो यह सिद्ध करते हैं कि संपत्ति का कानूनी हकदार आप ही हैं।
Property के असली मालिकाना हक़ के लिए जरूरी दस्तावेज़
- सेल डीड (Sale Deed) : यह सबसे अहम दस्तावेज़ है, जिससे संपत्ति का अधिकार एक व्यक्ति से दूसरे को हस्तांतरित होता है।
- म्युटेशन सर्टिफिकेट (Mutation Certificate): यह दस्तावेज़ स्थानीय निकाय के रिकॉर्ड में संपत्ति का नाम आपके नाम पर दर्ज करवाने के लिए जरूरी है।
- प्रॉपर्टी टैक्स रसीद (Property Tax Receipt): यह दिखाता है कि आपने संपत्ति का टैक्स समय पर चुकाया है।
- संविदा दस्तावेज़ (Contract Documents) : संपत्ति से जुड़े किसी भी कानूनी समझौते की पुष्टि के लिए।
- पुराने मालिकाना दस्तावेज़ (Old Ownership Documents): संपत्ति के इतिहास और पूर्व मालिकों की जानकारी के लिए।
- पावर ऑफ अटॉर्नी (Power of Attorney) (यदि लागू हो) : यदि संपत्ति किसी प्रतिनिधि के माध्यम से खरीदी गई है।
- अन्य कानूनी कागजात (Other Legal Documents) : जैसे नक्शा, अनुमति पत्र आदि।
Property का मालिकाना हक़ कैसे करें साबित ?
- भूमि रिकॉर्ड और संपत्ति के सभी दस्तावेज़ों की जांच करें।
- प्रॉपर्टी टैक्स की रसीदें और म्युटेशन सर्टिफिकेट प्राप्त करें।
- संपत्ति के पिछले मालिकों की जानकारी लें।
- किसी अनुभवी वकील की सहायता लें।
- सरकारी विभागों से दस्तावेज़ों की पुष्टि करवाएं।
क्यों जरूरी है सभी दस्तावेज़?
- कानूनी सुरक्षा मिलती है।
- भविष्य में किसी भी विवाद से बचाव होता है।
- बैंक से लोन लेने में आसानी होती है।
- संपत्ति का पुनर्विक्रय आसान होता है।
सिर्फ रजिस्ट्री से मालिकाना हक साबित नहीं होता। असली मालिकाना अधिकार के लिए सेल डीड, म्युटेशन सर्टिफिकेट, टैक्स रसीद और अन्य कानूनी दस्तावेज़ जरूरी हैं। सभी दस्तावेज़ अद्यतन और सही होने चाहिए, और किसी भी संदेह की स्थिति में वकील की सलाह जरूर लें।