IFFI 2025 : DC हैंडलूम्स और कपड़ा मंत्रालय ने IFFI 2025 में ‘हैंडलूम साड़ी इन मोशन’ फैशन शो पेश किया। इसमें भारत की बुनाई, संस्कृति और सिनेमा के मेल को दिखाया गया।
IFFI 2025 में ‘हैंडलूम साड़ी इन मोशन’ शो में झलकी सिनेमा और परंपरा की खूबसूरती
गोवा में चल रहे भारतीय अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव (IFFI) 2025 के रेड कार्पेट पर इस बार एक अनोखा नज़ारा देखने को मिला। कपड़ा मंत्रालय के डीसी हैंडलूम्स ने सिनेमा, संस्कृति और वस्त्रों को एक साथ जोड़ते हुए फैशन शो ‘हैंडलूम साड़ी इन मोशन: 70MM ऑन रनवे’ का आयोजन किया।

15 मिनट का यह शो दो बार प्रदर्शित हुआ। इसमें भारतीय सिनेमा की यात्रा को साड़ी के जरिए दिखाया गया। हर दृश्य में अलग दौर का संगीत और अंदाज़ दिखा। 1940 के दशक की सादगी से लेकर 2020 के बोल्ड फैशन तक, साड़ी ने सिनेमा के बदलते रंगों को बखूबी पेश किया। यह शो पुराने समय की यादों, कलात्मकता और साड़ी की सुंदरता का जश्न बन गया।
शो में देश के अलग-अलग राज्यों की 40 से अधिक हैंडलूम साड़ियाँ प्रदर्शित की गईं। इनमें छत्तीसगढ़ की टसर सिल्क, जम्मू-कश्मीर की इकत पश्मीना, उत्तर प्रदेश की बनारसी और मध्य प्रदेश की चंदेरी साड़ियाँ शामिल थीं। इसके अलावा आंध्र की वेंकटगिरी, केरल की कुथमपल्ली और बिहार की मधुबनी कला से सजी साड़ियाँ भी देखने को मिलीं। कई साड़ियों को कलाकारों ने हाथ से पेंट किया था, जिन पर राजस्थान की पिचवाई, ओडिशा की पट्टचित्रा और महाराष्ट्र की वारली जैसी पारंपरिक कलाएँ नजर आईं।

NFDC के प्रबंध निदेशक प्रकाश मगदुम ने कहा कि IFFI हमेशा रचनात्मकता का उत्सव रहा है। इस बार का फैशन शो भारत की सांस्कृतिक गहराई और सिनेमा के मेल को दर्शाता है। उन्होंने कहा, ‘साड़ी इन मोशन भारत की जड़ों से जुड़ी खूबसूरत प्रस्तुति थी।’
डेवलपमेंट कमिश्नर (हैंडलूम) डॉ. एम. बीना ने कहा, ‘साड़ी सिर्फ एक परिधान नहीं, बल्कि एक दर्शन है। यह कला, रोज़गार और परंपरा से जुड़ी है।’ उन्होंने बताया कि IFFI जैसे मंच पर भारतीय बुनकरों और कारीगरों की कला को दुनिया के सामने प्रस्तुत करना गर्व की बात है।
यह शो भारतीय हैंडलूम, सिनेमा और संस्कृति की जीवंतता का सशक्त प्रतीक बना।










