सिंगरौली : मध्य प्रदेश के कई गांव आज भी ऐसे हैं, जहां पहुंचने के लिए सड़क नहीं है। सड़क नहीं होने की वजह से बीमार होने पर लोगों की जान भी चली जाती है। सिंगरौली जिले में एक ऐसा ही मामला सामने आया है। एंबुलेंस के लिए रास्ता न होने के कारण एक गर्भवती महिला ने घर पर ही जुड़वा बच्चियों को जन्म दिया। जन्म के कुछ घंटे बाद ही एक बच्ची की मौत हो गई। वही महिला की तबीयत बिगड़ता देख परिजन उसे खाट पर अस्पताल ले गये।
धानी गांव का है मामला
यह मामला चितरंगी जनपद के धानी गांव का है। यहाँ सड़क न होने के कारण ग्रामीणों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। इस घटना ने इलाके में स्वास्थ्य सेवाओं की Hको उजागर कर दिया है। दरअसल, धानी गांव में बृहस्पति कोल की पत्नी गल्लू देवी को प्रसव पीड़ा हुई। गांव में सड़क नहीं होने के कारण अस्पताल ले जाने की कोई व्यवस्था नहीं था। जिससे गल्लू देवी ने घर पर ही दो जुड़वा बच्चियों को जन्म दिया। दुर्भाग्यवश, जन्म के कुछ घंटे बाद ही एक बच्ची की मौत हो गई।
खाट का लेना पड़ा सहारा
गल्लू देवी की हालत बिगड़ने पर परिजनों ने उसे अस्पताल ले जाने का फैसला किया। गांव में सड़क नहीं होने के कारण उन्हें खाट का सहारा लेना पड़ा। परिजन गल्लू देवी को खाट पर लादकर दो किलोमीटर तक कीचड़ भरे रास्ते पर पैदल चले। इसके बाद उन्हें ऑटो मिला, जिससे वे गल्लू देवी को पास के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ले गए।
स्वास्थ्य विभाग की टीम पहुंची पीड़िता के घर
इस घटना की जानकारी मिलने पर स्वास्थ्य विभाग की टीम पीड़िता के घर पहुंची। उन्होंने महिला को अस्पताल पहुंचाने की व्यवस्था की। महिला को पहले खाट पर सड़क तक ले जाया गया। फिर ऑटो से कोरसर के स्वास्थ्य केंद्र भेजा गया। वहां डॉक्टरों ने प्राथमिक उपचार के बाद महिला को घर भेज दिया।
सिंगरौली के घानी गांव में सड़क और एम्बुलेंस न होने के कारण एक महिला को घर पर ही प्रसव कराना पड़ा, जिसके चलते नवजात बच्ची की मौत हो गई।
परिजन खटिया पर महिला को दो किलोमीटर तक कंधों पर उठाकर ले गए, ये 21वीं सदी के “विकासशील” मध्य प्रदेश की असली तस्वीर है।
भाजपा सरकार में पता नहीं… pic.twitter.com/8EcOvXoLa5
— Kamleshwar Patel (@Kamleshwar_INC) July 20, 2025