Saiyaara फिल्म के अभिनेता राजेश कुमार ने अपनी जिंदगी का ऐसा दौर मिडिया से शेयर किया, जिसके बारे में बहुत कम लोग जानते थे। उनकी शोहरत के बावजूद, एक वक्त ऐसा था जब राजेश कुमार के खाते में सिर्फ 2,500 रुपये बचे थे और उन पर 2 करोड़ रुपये का कर्ज था।
कैसे राजेश डूब गए कर्ज में ?
‘साराभाई वर्सेस साराभाई’ में अपनी भूमिका से मशहूर हुए राजेश ने हाल ही में इंटरव्यूज में अपना इमोशनल अनुभव साझा किया। बताया कि उनकी आर्थिक परेशानियां कुछ साल पहले, 2019 में शुरू हुईं, जब उन्होंने एक्टिंग छोड़कर खेती शुरू करने का फैसला किया। उनकी मंशा युवाओं को किसान बनने के लिए प्रेरित करना था। लेकिन जल्द ही मुसीबतें आ गईं।
राजेश ने अपनी सारी जमापूंजी खेती में लगा दी, लेकिन मौसम की मार, बाढ़ और कोरोना महामारी की वजह से उन्हें भारी नुकसान हुआ। उन्हें बार-बार पैसे उधार लेने पड़े क्योंकि कमाई बंद हो चुकी थी, लेकिन खर्चे रुक नहीं रहे थे। धीरे-धीरे उनकी सारी जमा पूंजी खत्म हो गई और वे कर्ज में डूब गए।
बच्चों के लिए दो चॉकलेट्स खरीदने का पैसा भी न था !
हालात इतने खराब हो चुके थे कि वे अपने बच्चों के लिए दो चॉकलेट्स भी नहीं ला सकते थे। राजेश ने इमोशनल अंदाज में बताया, “जब मैं यूके में था, मेरे खाते में सिर्फ 2,500 रुपये थे। 24 दिन की शूटिंग के लिए मैं दो बार आया-जाया, लेकिन बच्चों के लिए दो चॉकलेट्स भी नहीं ला सका।” हालात इतने खराब थे कि बेटे के स्कूल के बाहर सब्जी बेचनी पड़ी।
Saiyaara ने बदली जिंदगी !
राजेश की जिंदगी का मोड़ तब आया जब उन्होंने एक्टिंग में फिर से वापसी का फैसला किया। उनकी पत्नी और बच्चों ने हमेशा उनका साथ दिया। फैमिली के सहारे उन्होंने खुद को संभाला और फिर से एक्टिंग में कदम रखा। धीरे-धीरे उन्हें वेब सीरीज और फिल्मों जैसे ‘बिन्नी एंड फैमिली’, ‘कोटा फैक्ट्री’ और खासतौर पर ‘Saiyaara’ में अहम भूमिका मिला।

Saiyaara में राजेश बने पिता
‘Saiyaara’ में राजेश कुमार ने अनीत पड्डा के पिता का रोल निभाया। यह किरदार इतना भावुक और सच्चा था कि दर्शकों के दिल में घर कर गया। यह फिल्म अब तक 400 करोड़ से ज्यादा की कमाई कर चुकी है और साल की सबसे बड़ी हिट बन गई है। राजेश का कहना है कि उनकी असली जिंदगी की कठिनाइयों ने उनके अभिनय में मजबूती ला दी। उनकी मां अल्जाइमर की मरीज हैं, वही दर्द उनकी ऑन-स्क्रीन बेटी के किरदार में दिखाया गया।
राजेश की कहानी पैसों के इर्द-गिर्द नहीं घूमती। ये उम्मीद, परिवार के साथ और मुश्किल वक्त में उनके साथ मजबूती से खड़े रहने की कहानी है। वे खुलकर बताते हैं कि कैसे वे लगभग दिवालिया हो गए, कर्ज में डूबे और अपनों के लिए छोटी छोटी खुशियां भी नहीं दे सके। लेकिन हौसले, मेहनत और परिवार के सहयोग से वे फिर कामयाब हुए।
कितना भी बुरा दौर हो, कभी हार मत मानो।
आज राजेश कुमार ‘Saiyaara’ की शानदार सफलता का आनंद ले रहे हैं, लेकिन वे अपना संघर्ष कभी नहीं भूलते। वे कहते हैं, “मेरा परिवार मेरा साहस था। उन्हीं की वजह से मैं मुश्किल से मुश्किल वक्त में भी हार नहीं मान सका।” उनकी ये कहानी लाखों लोगों को उम्मीद देती है कि कितना भी बुरा दौर हो, कभी हार मत मानो।










