सिंगरौली। जिले की कोतवाली पुलिस ने अपनी तेज़ी, तकनीकी दक्षता और वैज्ञानिक जांच के दम पर एक अंधी हत्या का खुलासा कर यह साबित कर दिया कि कोतवाली पुलिस हर चुनौती से निपटने में पूरी तरह सक्षम है। परिवार द्वारा आत्महत्या का नाटक रचकर पुलिस को गुमराह करने की कोशिश भी पुलिस की पैनी नज़र के आगे टिक नहीं सकी।
कभी-कभी अपराध की कहानी इतनी सफाई से बुनी जाती है कि सच का रास्ता ढूँढना चुनौती बन जाता है। कंजी गांव में हुई एक संदिग्ध मौत भी ऐसी ही थी—पर सिंगरौली पुलिस की तेज़ नज़र, शोधपरक जांच और दृढ़ संकल्प ने इस “अंधी हत्या” को पल भर में “स्पष्ट सच” में बदल दिया। परिवार ने आत्महत्या का नकली मंचन तैयार कर पुलिस को भ्रमित करने की कोशिश की, लेकिन सिंगरौली पुलिस की विवेचना उसी क्षण सक्रिय हो गई, जब घटनास्थल के बारीक संकेत बयान से मेल नहीं खाए। दरअसल 29 नवम्बर को कंजी गांव निवासी कृष्णा प्रसाद शाह ने अपने भाई संजीत की मौत को आत्महत्या बताने का प्रयास किया। प्रारंभिक बयान से परिवार के सभी सदस्य इसी कहानी को आगे बढ़ा रहे थे, लेकिन पुलिस टीम ने घटनास्थल, परिस्थितियों और बयानों में आए विरोधाभास को गंभीरता से लिया और मर्ग को विवेचना में बदल दिया। जिला अस्पताल बैढ़न से प्राप्त पीएम रिपोर्ट ने साफ कहा—मौत फांसी से नहीं, बल्कि गला घोंटने से हुई थी। रिपोर्ट के आते ही पुलिस ने धारा 103(1) BNS के तहत हत्या का मामला दर्ज किया। पूछताछ के दौरान परिजनों के बयान बदलते रहे। शुरुआत में बताया गया कि संजीत जमीन पर चित्त अवस्था में पड़ा था। बाद में कहा गया कि दरवाजा तोड़ने पर वह फांसी पर लटका मिला। इन्हीं विरोधाभासों ने पुलिस को हत्या की दिशा में जांच करने के लिए प्रेरित किया। वैज्ञानिक साक्ष्यों और निरंतर पूछताछ के बाद मृतक के भाई कृष्णा प्रसाद शाह ने स्वीकार किया कि विवाद के दौरान उसने नायलॉन की रस्सी से संजीत का गला दबाकर हत्या की थी। परिवार ने घटना के बाद आत्महत्या का नाटक रचकर पुलिस को गुमराह करने का प्रयास किया था।
अंधी हत्या का खुलासा करने पर पुलिस अधीक्षक श्री मनीष खत्री (भापुसे.) ने टीम को ₹10,000 इनाम देने की घोषणा की है।










