सिंगरौली। संविधान दिवस के अवसर पर जिला न्यायालय सिंगरौली में एक प्रेरणादायक और उत्साहपूर्ण माहौल देखने को मिला, जब न्यायपालिका, अधिवक्ता समुदाय और न्यायालय कर्मियों ने मिलकर भारतीय संविधान की उद्देशिका का सामूहिक वाचन किया। यह आयोजन न सिर्फ एक औपचारिक कार्यक्रम रहा, बल्कि लोकतांत्रिक मूल्यों को पुनः आत्मसात करने और न्याय के पथ पर दृढ़ रहने का एक सकारात्मक संकल्प भी बना।
मध्यप्रदेश राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, जबलपुर के निर्देश पर तथा प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश श्री अतुल कुमार खंडेलवाल की अध्यक्षता में आयोजित इस कार्यक्रम में संविधान की उद्देशिका का वाचन केवल एक औपचारिक प्रक्रिया नहीं रहा, बल्कि एक भावनात्मक क्षण, जिसने हर चेहरे पर गर्व और जिम्मेदारी की चमक भर दी। यही तो भारत की खूबसूरती है—जहाँ न्यायालय भी लोकतंत्र की धड़कन महसूस करता है।
कार्यक्रम की विशेषता यह रही कि सभी उपस्थितजनों ने संविधान की भावनाओं को दोहराते हुए देशहित, न्याय और मानवीय मूल्यों को सर्वोपरि रखने का संकल्प लिया। उक्त आयोजन इस बात का जीवंत उदाहरण रहा कि न्यायालय केवल कानून का संरक्षक ही नहीं, बल्कि संवैधानिक मूल्यों का सच्चा torchbearer भी है।










