सिंगरौली। नगर निगम परिषद की बैठक में पारित तीन प्रस्तावों को लेकर कांग्रेस अध्यक्ष प्रवीण सिंह चौहान ने तीखा प्रहार किया है। उन्होंने कहा कि निगम परिषद अब विकास की नहीं, भाजपा के एजेंडे की प्रयोगशाला बनती जा रही है।
कांग्रेस अध्यक्ष प्रवीण सिंह चौहान ने कहा कि पहला प्रस्ताव “वन नेशन, वन इलेक्शन” पूरी तरह संवैधानिक मर्यादाओं के विपरीत है। उन्होंने कहा कि यह विचार बाबा साहब डॉ. भीमराव अंबेडकर के संविधान की आत्मा से खिलवाड़ है। “भाजपा नगर निगम जैसे स्थानीय निकायों को भी अपने राजनीतिक प्रयोग का मैदान बना चुकी है,” चौहान ने आरोप लगाया। दूसरे प्रस्ताव “आत्मनिर्भर भारत” को जनता को गुमराह करने वाला बताया गया। चौहान ने कहा — “भाजपा के नेता और मंत्री अगर भ्रष्टाचार और कमीशनखोरी छोड़ दें, तभी देश सच में आत्मनिर्भर बन सकता है। जो पार्टी खुद पर निर्भर नहीं, वो देश को आत्मनिर्भर क्या बनाएगी?” तीसरे प्रस्ताव “जीएसटी” पर उन्होंने कहा कि इसका नगर निगम से कोई लेना-देना नहीं है, लेकिन भाजपा केवल अपने नेताओं और नीतियों का प्रचार करने के लिए इसे लाती है। श्री चौहान ने कहा कि “जीएसटी ने जनता की जेब खाली की है, महंगाई बढ़ाई है, और भाजपा सरकार इसे उपलब्धि बताकर वाहवाही लूट रही है।”
प्रवीण सिंह चौहान ने तंज कसते हुए कहा कि भाजपा के पार्षद और निगम अध्यक्ष जनता की बुनियादी समस्याओं से बेखबर हैं। “माजन मोड़ से नवजीवन बिहार तक की सड़कें टूटी हैं, मेडिकल कॉलेज जाने वाली सड़क खस्ताहाल है, एक भी बायपास नहीं बना। लेकिन भाजपा के लिए ये मुद्दे नहीं, बल्कि अपने पार्टी एजेंडे का प्रचार ज्यादा जरूरी है।” अगर सिंगरौली को आत्मनिर्भर बनाना है तो डीएमएफ फंड को विकास कार्यों में खर्च किया जाए। “भाजपा की सरकार और उसके नेता विकास नहीं, प्रचार पर ध्यान दे रहे हैं। जनता सब देख रही है, अब जवाब का वक्त दूर नहीं,” श्री चौहान ने कहा कि भाजपा के पार्षद विकास नहीं, ध्यान भटकाने की राजनीति कर रहे हैं। जनता असली मुद्दों की ओर देख रही है, जबकि सत्ता पक्ष दिखावे में उलझा है।










