Reliance Power के मुख्य वित्तीय अधिकारी (CFO) अशोक पाल को प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने गिरफ्तार किया है। यह कार्रवाई 68 करोड़ रुपये की कथित बैंक गारंटी से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में की गई है।
ईडी ने शनिवार को उन्हें दिल्ली के राऊज एवेन्यू कोर्ट में पेश किया। कोर्ट ने अशोक पाल को दो दिन की ईडी रिमांड पर भेज दिया है।
ईडी अधिकारियों के अनुसार, यह मामला 2024 में दर्ज हुई एक FIR से जुड़ा है। इस एफआईआर में आरोप था कि सोलर एनर्जी कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया को फर्जी बैंक गारंटी दी गई थी।
इसके अलावा, अशोक पाल पर फर्जी ट्रांसपोर्ट बिलों के जरिए करोड़ों रुपये निकालने का भी आरोप है। बताया जा रहा है कि उन्होंने WhatsApp and Telegram के माध्यम से कुछ भुगतान फाइलें मंजूर कीं, ताकि कंपनी की आधिकारिक प्रणाली से बचा जा सके।
जांच में यह भी सामने आया कि जिन बैंकों के नाम से गारंटी दी गई, वे बैंक वास्तव में उन देशों में मौजूद ही नहीं थे।
अनिल अंबानी से भी पूछताछ
ईडी ने हाल ही में अनिल अंबानी को भी पूछताछ के लिए बुलाया था। एजेंसी के अनुसार, RHFL और RCFL की ओर से कुल 12,524 करोड़ रुपये के लोन जारी किए गए थे। इनमें से ज्यादातर लोन रिलायंस समूह की कंपनियों को दिए गए।
इन लोन में से करीब 6,931 करोड़ रुपये को अब नॉन परफॉर्मिंग एसेट (NPA) के रूप में दर्ज किया गया है।
कंपनी में जिम्मेदारी और भूमिका
रिलायंस पावर लिमिटेड एक सूचीबद्ध कंपनी है, जिसमें 75 प्रतिशत से अधिक हिस्सेदारी सार्वजनिक निवेशकों की है। कंपनी के बोर्ड ने अशोक पाल को टेंडर और दस्तावेजों से जुड़े कार्यों को मंजूरी देने और हस्ताक्षर करने का अधिकार दिया था।
ईडी का कहना है कि इसी अधिकार का दुरुपयोग करते हुए कंपनी से जुड़ी कई वित्तीय प्रक्रियाओं को उन्होंने गलत तरीके से अंजाम दिया।










