New Income Tax Bill 2025: केंद्र सरकार ने हाल ही में एक नया आयकर विधेयक पेश किया है, जिसके बाद देश भर के मकान मालिकों को बड़ी राहत मिलने वाली है। अब किराये की आय पर कर सीधे वार्षिक मूल्य पर लगेगा, यानी कुल किराए में से नगर निगम कर घटाने के बाद, शेष राशि पर कर देना होगा।
इससे पहले, जब यह विधेयक फरवरी 2025 में संसद में पेश किया गया था, तब इसे लेकर काफी भ्रम की स्थिति थी। कई लोगों का मानना था कि सरकार किराये की आय पर सकल किराए, यानी पूरे साल के कुल किराए पर कर लगाएगी। अगर ऐसा होता, तो मकान मालिकों की कर देनदारी काफी बढ़ जाती। लेकिन अब सरकार ने स्पष्ट किया है कि कर केवल सकल किराए पर ही लगेगा।
नेट एनुअल वैल्यू क्या है? (What is Net Annual Value?)
नेट एनुअल वैल्यू एक वर्ष में प्राप्त कुल किराए को दर्शाता है, जिसमें से नगर निगम को दिया गया कर घटा दिया जाता है। उदाहरण के लिए, यदि किसी मकान का वार्षिक किराया ₹5 लाख है और नगर निगम कर ₹50,000 है, तो कुल किराया ₹4.5 लाख माना जाएगा। इस 4.5 लाख रुपये पर कर लगेगा।
30% मिलेगी स्टैंडर्ड डिडक्शन
सरकार ने यह भी स्पष्ट किया है कि कुल किराए पर 30% स्टैंडर्ड डिडक्शन मिलेगी। इसका मतलब है कि कुल किराए की राशि से सीधे 30% की कटौती की जाएगी, जिससे कर की राशि और कम हो जाएगी। यह कटौती मकान की मरम्मत, रखरखाव और अन्य खर्चों को ध्यान में रखते हुए दी जाती है।
होम लोन पर ब्याज कटौती भी मिलेगी
नए विधेयक की एक और अच्छी बात यह है कि अगर मकान मालिक ने उस संपत्ति पर होम लोन लिया है, तो उसका प्री-कंस्ट्रक्शन इंटरेस्ट यानी निर्माण से पहले का ब्याज भी कर-मुक्त होगा। पहले यह कटौती केवल उस संपत्ति पर ही उपलब्ध थी जहाँ वह खुद रहता था, लेकिन अब यह किराए पर दी गई संपत्ति पर भी लागू होगी। इसके अलावा, अगर किसी संपत्ति के कई मालिक (सह-स्वामी) हैं, तो अब उन्हें भी अलग-अलग टैक्स कटौती का लाभ मिलेगा। पहले ऐसी स्थिति में टैक्स की गणना करना थोड़ा जटिल था, लेकिन अब नियम स्पष्ट हो गए हैं।










