फैशन की दुनिया अब बदल रही है। अब ट्रेंड्स केवल खूबसूरती या ग्लैमर पर नहीं, बल्कि धरती की सेहत पर भी ध्यान दे रहे हैं। दुनिया भर के डिजाइनर अब ईको-फ्रेंडली और सर्कुलर फैशन को अपना रहे हैं – यानी ऐसा फैशन जो स्टाइलिश होने के साथ-साथ पर्यावरण के लिए सुरक्षित भी हो।
Zero-Waste तकनीक से फैशन हुआ स्मार्ट
अब फैशन ब्रांड्स Zero-Waste टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल कर रहे हैं। इस तकनीक में कपड़ा काटते वक्त कोई हिस्सा बेकार नहीं जाता। हर टुकड़ा किसी न किसी रूप में इस्तेमाल होता है। इससे कचरा कम होता है, उत्पादन लागत घटती है और पर्यावरण को भी राहत मिलती है।

On-Demand Production से बर्बादी पर रोक
पहले कपड़े बड़ी मात्रा में बनाए जाते थे, जिनमें से कई बिक नहीं पाते थे। अब डिजाइनर ग्राहकों की जरूरत के अनुसार ही कपड़े तैयार करते हैं। इसे कहते हैं On-Demand Production। इससे अनावश्यक स्टॉक नहीं बचता और संसाधनों की बर्बादी रुकती है।

इंडस्ट्री और पर्यावरण – दोनों को फायदा
नई सोच ने फैशन इंडस्ट्री को हरित दिशा दी है। इससे कार्बन उत्सर्जन कम हुआ, पानी की खपत घटी और फैशन हाउस अब ऑर्गेनिक कॉटन, रिसाइकल्ड फैब्रिक और बायोडिग्रेडेबल मटीरियल्स का उपयोग बढ़ा रहे हैं।
ईको-फ्रेंडली फैशन अब केवल एक विकल्प नहीं बल्कि भविष्य की जरूरत है। यह ट्रेंड न केवल पृथ्वी को बचा रहा है, बल्कि लोगों को भी जिम्मेदार उपभोक्ता बना रहा है। 🌱
✍️ लेख : UTN Hindi | प्रकाशित: 29 नवम्बर 2025










