लखनऊ/मुंबई । अपडेटेड – आज । UP और महाराष्ट्र सरकारों ने एक बड़ा निर्णय लेते हुए साफ कर दिया है कि अब Aadhaar Card को जन्म प्रमाणपत्र (Birth Certificate) के रूप में मान्य नहीं किया जाएगा। दोनों राज्यों के गृह एवं स्वास्थ्य विभाग ने नई गाइडलाइन जारी कर सभी जिला प्रशासन, नगर निकायों और अस्पतालों को इसके पालन के निर्देश दिए हैं।
जानिए, क्यों लिया गया यह फैसला ?
सरकारी सूत्रों के अनुसार, कई मामलों में आधार कार्ड को जन्म प्रमाणपत्र के विकल्प के रूप में प्रस्तुत किया जा रहा था, जबकि UIDAI ने पहले ही स्पष्ट कर दिया था कि Aadhaar पहचान का प्रमाण है, जन्म तिथि या जन्म स्थान का आधिकारिक प्रमाण नहीं।इसी के बाद दोनों राज्यों ने नियमों को अपडेट किया है।
क्या है नई दिशा-निर्देश ?
नई दिशा-निर्देशों में साफ लिखा गया है….
- Aadhaar केवल Identity Proof है।
- Aadhaar का उपयोग Age Proof या Date of Birth Proof के रूप में नहीं किया जाएगा।
- किसी भी सरकारी योजना, स्कूल एडमिशन, पासपोर्ट, या सामाजिक सुरक्षा योजना में जन्म तिथि साबित करने के लिए जन्म प्रमाणपत्र अनिवार्य होगा।
- अस्पतालों, नगर निगम/नगर पालिका को निर्देश है कि जन्म के 21 दिनों के भीतर नया जन्म प्रमाणपत्र जारी किया जाए।
किन-किन जगहों पर जन्म प्रमाणपत्र अनिवार्य?
नए नियमों के बाद इन जगहों पर केवल Birth Certificate ही मान्य होगा
- स्कूल में Admission
- पासपोर्ट बनवाते समय
- सरकारी नौकरी में आवेदन
- विभिन्न सरकारी योजनाओं में आयु सत्यापन
- पेंशन और बीमा संबंधी दस्तावेज़
ऐसे में लोगों को क्या करना होगा?
यदि किसी व्यक्ति के पास जन्म प्रमाणपत्र नहीं है, तो उन्हें निकटतम नगर निगम/नगर पंचायत या ग्राम पंचायत में आवेदन करना होगा।
दोनों राज्यों ने Birth Registration System को डिजिटल रूप से और तेज करने के भी निर्देश दिए हैं।
UIDAI का क्या कहना है?
UIDAI ने पहले ही स्पष्ट किया था कि–
“Aadhaar किसी व्यक्ति की पहचान की पुष्टि करता है, न कि जन्म की तारीख या जन्म स्थान की।”
इसके बाद राज्यों ने नियमों को सख्त कर दिया है।
UP और महाराष्ट्र में आधार को जन्म प्रमाणपत्र के रूप में न मानने के फैसले से दस्तावेज़ों की सत्यता और सरकारी प्रक्रिया में पारदर्शिता बढ़ेगी। सरकार का कहना है कि नागरिकों को अब सही और आधिकारिक Birth Certificate बनवाने पर ज्यादा ध्यान देना चाहिए।










