Kaifi Azmi : कैसा बदतमीज़ शायर है। वह ‘उठ’ कह रहा है,उठिए नहीं…
Biography of Kaifi Azmi । कैफी आजमी की जीवनी
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Pen Name – ‘kaifi’
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Real Name – Sayed Athar Hussain Rizvi
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Born – 14 Jan 1918, Azamgarh, (Uttar Pradesh)
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Died – 10 May 2002, Mumbai, (Maharashtra)
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Awards – The Government of India honored him with the Padma Shri.(1974), Sahitya Akademie Award(1975),

उठ मेरी जान मेरे साथ ही चलना है तुझे
क़द्र अब तक तेरी तारीख़ ने जानी ही नहीं
तुझमें शोले भी हैं बस अश्क फिशानी ही नहीं
तू हक़ीकत भी है दिलचस्प कहानी ही नहीं
तेरी हस्ती भी है इक चीज़ जवानी ही नहीं
अपनी तारीख़ का उन्वान बदलना है तुझे
उठ मेरी जान…
शायरी के अलावा घर की ज़रूरत होती है। वह खु़द बेघर है। खाने-पीने और कपड़ों की भी ज़रूरत होती है। कम्युनिस्ट पार्टी उसे केवल 40 रुपए महीना देती है। लेकिन वह लड़की अपने फ़ैसले पर कायम रही।
मई 1947 में इनका विवाह शौकत से हुआ। उनके यहाँ एक बेटी और एक बेटे का जन्म हुआ, जिनका नाम शबाना और बाबा है। शबाना आज़मी हिंदी फिल्मों की एक अज़ीम अदाकारा बनीं।
40 रुपए मासिक पगार से आलीशान बंगले तक का सफ़र
वक्त ने किया क्या हंसी सितम
तुम रहे न तुम, हम रहे न हम…
तुम इतना जो मुस्कुरा रहे हो
क्या ग़म है जिस को छुपा रहे हो…
आज सोचा तो आँसू भर आए
मुद्दतें हो गईं मुस्कुराए