fashion A unique medium of expression
फैशन सिर्फ कपड़े पहनने का तरीका नहीं, बल्कि आत्म-अभिव्यक्ति की एक कला है। यह किसी व्यक्ति के व्यक्तित्व, सोच और संस्कृति की झलक भी देता है। समय के साथ फैशन ने कई मोड़ लिए हैं—परंपरा से आधुनिकता तक की यात्रा में यह ना केवल बदला है, बल्कि नई पहचान भी बनाई है।
भारत में फैशन का इतिहास ?
- भारत में फैशन सदियों से चला आ रहा है—मुगलकाल में रेशमी कपड़े, ज़री का काम और अंगरखा आम था।
- ब्रिटिश काल में पश्चिमी पोशाकों का प्रभाव बढ़ा, और साड़ी व धोती के साथ-साथ सूट-बूट भी आम हो गया।
- स्वतंत्रता के बाद फैशन ने एक नई दिशा ली, जिसमें परंपरा और पश्चिमी शैली का अद्भुत मिश्रण देखा गया।
फैशन और समाज
फैशन समाज में बदलाव की दिशा भी तय करता है—जैसे महिलाओं का पैंट पहनना, जो एक समय क्रांतिकारी कदम माना गया।
युवा वर्ग अपनी पहचान को दर्शाने के लिए फैशन को साधन मानता है—रेप्ड जीन्स, ग्राफिक टी-शर्ट्स और स्ट्रीटवियर ट्रेंड इसका उदाहरण हैं।
फैशन और सोशल मीडिया
- आज फैशन इंस्टाग्राम, Pinterest और YouTube से प्रभावित होता है। ट्रेंड्स तेजी से आते हैं और चले जाते हैं।
- “इंफ्लुएंसर कल्चर” के कारण हर कोई फैशन आइकन बन सकता है—बस एक अच्छा स्टाइल और कुछ फ़ॉलोअर्स चाहिए।
इको-फ्रेंडली फैशन
- अब लोग इको-फ्रेंडली फैशन को अपनाने लगे हैं—हैंडलूम, ऑर्गेनिक फैब्रिक और रिसायक्लिंग के प्रति जागरूकता बढ़ रही है।
- “फैशन फॉर गूड” जैसे अभियान पर्यावरण के साथ-साथ स्टाइल को भी बेहतर बनाने का काम कर रहे हैं।
असल फैशन क्या है ?
फैशन हमेशा बदलता रहता है। लेकिन इसका उद्देश्य नहीं। अंदर की पहचान को बाहर लाना ही फैशन का एक मात्र उद्देश्य रहता है। चाहे आप पारंपरिक पहनें या ट्रेंडी असल फैशन वही जिसे पहन कर आप आत्मविश्वास बढे।