MGNREGA की जगह VB-G RAM G Bill 2025: ग्रामीण रोजगार को लेकर सरकार का बड़ा बदलाव, 125 दिन काम की गारंटी
ग्रामीण रोजगार नीति में बड़े बदलाव की दिशा में सरकार ने Viksit Bharat–Guarantee for Rozgar and Ajeevika Mission (Gramin) यानी VB-G RAM G Bill, 2025 को 16 दिसंबर 2025 को लोकसभा में पेश किया। यह विधेयक मौजूदा महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (MGNREGA), 2005 की जगह लेने का प्रस्ताव करता है और इसे विकसित भारत 2047 के लक्ष्य से जोड़ा गया है।
MGNREGA क्या है और क्यों रहा अहम
MGNREGA एक अधिकार-आधारित योजना रही है, जिसके तहत ग्रामीण परिवारों को हर साल कम से कम 100 दिन का अकुशल मजदूरी वाला रोजगार देने की कानूनी गारंटी दी जाती है। इसका उद्देश्य ग्रामीण गरीबी कम करना, आजीविका सुरक्षा बढ़ाना और मजबूरी में होने वाले पलायन को रोकना रहा है।
यह योजना मांग-आधारित रही, जिसमें पंचायत स्तर पर योजना निर्माण, सामाजिक ऑडिट, पारदर्शिता और महिलाओं व वंचित वर्गों की भागीदारी पर विशेष जोर दिया गया।
#WATCH | दिल्ली | केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा, “मनरेगा के नाम पर देश को गुमराह करने की साज़िश रची जा रही है। गलत जानकारी फैलाई जा रही है… हमारे मज़दूर भाइयों और बहनों के लिए, अब 100 दिन नहीं, बल्कि 125 दिन के काम की गारंटी है… अगर मज़दूरी में देरी होती है तो… pic.twitter.com/VHr9nhEPc1
— ANI_HindiNews (@AHindinews) December 21, 2025
VB-G RAM G Bill 2025 में प्रस्तावित 5 बड़े बदलाव
1. रोजगार गारंटी 100 से बढ़ाकर 125 दिन
नए बिल के तहत ग्रामीण परिवारों को अब 125 दिन का रोजगार मिलेगा। यह पहले की तुलना में 25% की बढ़ोतरी है। पहले अतिरिक्त दिन केवल सूखा या विशेष परिस्थितियों में दिए जाते थे, जबकि अब यह मानक अधिकार होगा।
2. खेती के मौसम में 60 दिन का “एग्रीकल्चर पॉज़”
बिल में बोवाई और कटाई के चरम समय के दौरान 60 दिन तक सार्वजनिक कार्य रोकने का प्रावधान किया गया है। राज्य सरकारें स्थानीय फसल चक्र के अनुसार जिलों या ब्लॉकों में इसकी अधिसूचना जारी कर सकेंगी।
3. केंद्र-राज्य लागत साझेदारी में बदलाव
अब यह योजना Centrally Sponsored Scheme (CSS) के रूप में लागू होगी।
- सामान्य राज्यों के लिए: 60:40 (केंद्र : राज्य)
- उत्तर-पूर्वी और हिमालयी राज्यों के लिए: 90:10
- बिना विधानसभा वाले केंद्रशासित प्रदेशों के लिए: 100% केंद्र सहायता
4. डिमांड-ड्रिवन से बजट-सीमित मॉडल
MGNREGA में जहां मांग बढ़ने पर केंद्र को अतिरिक्त फंड देना पड़ता था, वहीं नए बिल में राज्य-वार नॉर्मेटिव एलोकेशन तय किया जाएगा। तय सीमा से अधिक खर्च राज्य सरकार को उठाना होगा, जिससे अधिकार-आधारित स्वरूप पर सवाल खड़े हो रहे हैं।
5. टेक्नोलॉजी आधारित निगरानी व्यवस्था
बिल के तहत Viksit Bharat National Rural Infrastructure Stack बनाया जाएगा। इसमें बायोमेट्रिक उपस्थिति, AI आधारित फ्रॉड डिटेक्शन, GPS से कार्यस्थल ट्रैकिंग और साप्ताहिक सार्वजनिक डेटा जारी करने जैसे प्रावधान शामिल हैं।
मुख्य चिंताएं
- राज्यों पर वित्तीय दबाव: कमजोर राज्यों के लिए 40% हिस्सेदारी चुनौतीपूर्ण
- अधिकार बनाम बजट: तय बजट से मांग-आधारित गारंटी पर असर
- डिजिटल बाधाएं: बायोमेट्रिक और नेटवर्क समस्याओं से मजदूर प्रभावित
- खेती के मौसम में काम रोकना: भूमिहीन मजदूरों पर नकारात्मक असर की आशंका
- कार्यान्वयन गैप: पहले भी 100 दिन की गारंटी के बावजूद औसतन 45–55 दिन का ही काम
बिल के सकारात्मक पहलू
- टिकाऊ और जलवायु-सहिष्णु परिसंपत्तियों पर फोकस
- जल संरक्षण, सड़क, बाजार और गोदाम जैसी संरचनाओं का विकास
- साप्ताहिक मजदूरी भुगतान प्रणाली
- ₹10,000 तक जुर्माने का प्रावधान
- महिलाओं, दिव्यांगों, बुज़ुर्गों और अन्य कमजोर वर्गों के लिए विशेष प्रावधान
निष्कर्ष
VB-G RAM G Bill 2025 को ग्रामीण रोजगार नीति में एक बड़ा बदलाव माना जा रहा है। 125 दिन की रोजगार गारंटी और बुनियादी ढांचे पर जोर देकर सरकार इसे दीर्घकालिक ग्रामीण विकास से जोड़ना चाहती है। हालांकि, बजट सीमाओं और तकनीकी चुनौतियों के बीच इसका प्रभावी क्रियान्वयन ही इसकी वास्तविक सफलता तय करेगा।
VB-G RAM G Bill 2025 FAQs
प्रश्न: यह बिल किस कानून की जगह लेगा?
उत्तर: MGNREGA, 2005
प्रश्न: कितने दिन का रोजगार मिलेगा?
उत्तर: 125 दिन प्रति ग्रामीण परिवार
प्रश्न: नया केंद्र-राज्य फंडिंग अनुपात क्या है?
उत्तर: 60:40 (सामान्य राज्य), 90:10 (उत्तर-पूर्वी व हिमालयी राज्य)
प्रश्न: एग्रीकल्चर पॉज़ क्या है?
उत्तर: खेती के चरम मौसम में 60 दिन तक सार्वजनिक कार्य रोकना
प्रश्न: किन क्षेत्रों पर फोकस होगा?
उत्तर: जल सुरक्षा, ग्रामीण ढांचा, आजीविका और आपदा प्रबंधन










