Shri Ram Clinic : सिंगरौली में बहुत ही कम समय में चिकित्सा क्षेत्र अपनी छाप छोड़ने वाले यंग युवा डाॅक्टर राम प्रताप विश्वकर्मा ने अपने क्षेत्र वासियों के लिए निःशुल्क शिविर से नई पहल की शुरुआत की है। जिसकी चर्चाएं जोरों-शोरों से पूरे सिंगरौली में हो रही है। इतना ही नहीं बल्कि उन्होंने अपनी काबिलियत से ग्रामीणों के दिलों में अपनी छाप छोड़ने में कोई कसर नहीं छोड़ते हैं।
यहां डाॅ. राम को नाम से नहीं बल्कि उनकी काबिलियत से लोग जानते हैं। उन्होंने अपनी सुझबुझ से मरीजों को अच्छे से समझ कर अच्छी सलाह पेशकश करते हैं। यहां तक कि मरीज़ उनके समझाइश से खुद को बेहद संतोष महसूस करते हैं। लोगों का यह भी कहना है कि डाॅक्टर साहब का नाम ही नहीं बल्कि उनका काम भी श्री राम भगवान जैसा है।
सिंगरौली के युवा डॉक्टर डॉ. राम प्रताप विश्वकर्मा ने निःशुल्क चिकित्सा शिविर लगाकर सैकड़ों मरीजों को बीपी और शुगर की जांच व इलाज की सुविधा दी।

डॉ. विश्वकर्मा की समय सारणी
श्री राम क्लिनिक, एलआईजी कॉलोनी सिंगरौली
- सोमवार से शनिवार सुबह 07:30 से 08:30 बजे तक निःशुल्क परामर्श देते हैं।
- सोमवार से शनिवार शाम 04:00 से 09:00 बजे तक सशुल्क सेवाएं देते हैं।
- रविवार को दोपहर 02:00 बजे से 09:00 बजे तक सशुल्क परामर्श प्रदान करते हैं।
- रविवार को वे शिविर के माध्यम से निःशुल्क परामर्श प्रदान करते हैं।
श्री राम क्लिनिक का भव्य शुभारम्भ
इसके अलावा वे ओम साईं हॉस्पिटल, बिलौंजी
- सोमवार से शनिवार सुबह 09:00 बजे से दोपहर 02:00 बजे तक अपनी सेवाएं देते हैं।
आज अपनी नई पहल से डाॅक्टर राम प्रताप विश्वकर्मा जायसवाल मोड़ तिराहा पर सुबह 09 बजे से दोपहर 02 बजे तक निःशुल्क शिविर लगाकर सैकड़ों मरीज़ को देखा। जहां उन्हें अत्यधिक मात्रा में BP और सुगर के मरीज़ मिले, जिनकी जांच कर उनकी स्थिति में सुधार लाने के लिए दवाएं लिखीं।

निःशुल्क शिविर को लेकर क्या बोले डॉ. विश्वकर्मा?
मैं डॉ. राम प्रताप विश्वकर्मा, मुझे यह बताते हुए बेहद ख़ुशी हो रही है की आज मैं अपनों के लिए निःशुल्क परामर्श के लिए अपना थोड़ा-सा समय निकाला और सिंगरौली के छोटे से अंचल खिरवा के जायसवाल मोड़ पर 70-80 के तादाद में शुगर और BP से ग्रसित लोगों का रूटीन जांच कर इलाज किया।
अभी तक यहां बहुत से ऐसे लोग हैं जिन्हें यह समझ नही आता की उनको शुगर है या BP। यहां तक की उनकी शिकायत यह भी हो सकती है की उनके पास पैसे का आभाव है या उन्हें सही जानकारी नही मिल पाना। इन सबको देखते हुए हमने सिंगरौली वाशियों के लिए एक नई पहल शुरूआत की है, जिससे सभी को समय पर सटीक बीमारी का जानकारी मिल सके और उसका इलाज किया जा सके। मैं सभी को धन्यवाद देना चाहता हूँ, जिन्होंने मुझ परइतना भरोसा कर अपनी समस्या को साझा किये।
आइये आगे जानते है क्या है शुगर, BP
BP (Blood Pressure)
Hypertension (हाइपरटेंशन) यानी उच्च रक्तचाप एक आम स्वास्थ्य समस्या है जिसमें रक्त का दबाव धमनियों पर ज्यादा होता है।
लक्षण
- अक्सर कोई लक्षण नहीं होते, इसलिए इसे “साइलेंट किलर” कहते हैं।
- कुछ लोगों में सिरदर्द, सांस फूलना, या नाक से खून आ सकता है।
कॉजेज
- अनहेल्दी डाइट (नमक ज्यादा, फल-सब्जियां कम)
- एक्सरसाइज न करना
- तनाव
- जेनेटिक्स
- उम्र बढ़ना
रिस्क फैक्टर्स
- मोटापा
- डायबिटीज
- हाइपरटेंशन का फैमिली हिस्ट्री
- उम्र (55+ में ज्यादा रिस्क)
मैनेजमेंट
लाइफस्टाइल चेंजेज
- कम नमक खाएं (<5g/day)
- फल-सब्जियां ज्यादा खाएं
- एक्सरसाइज करें (30 मिनट डेली)
- वजन कंट्रोल में रखें
- अल्कोहल और स्मोकिंग बंद करें
मेडिसिन्स
- डॉक्टर की सलाह से दवाएं लें (ACE inhibitors, diuretics, आदि)
कॉम्प्लिकेशन्स अनकंट्रोल्ड
- हार्ट अटैक
- स्ट्रोक
- किडनी फेल
- आंखों की समस्या
शुगर (Sugar)
Diabetes (डायबिटीज) एक ऐसी स्थिति है जहां शरीर में ब्लड शुगर (ग्लूकोज) का स्तर अनियंत्रित हो जाता है।
किस्में
- टाइप 1 डायबिटीज : ऑटोइम्यून डिसऑर्डर, जिसमें इन्सुलिन प्रोड्यूस करने वाली कोशिकाएं नष्ट हो जाती हैं।
- टाइप 2 डायबिटीज : इन्सुलिन रेजिस्टेंस और इन्सुलिन की कमी।
- गेस्टेशनल डायबिटीज : प्रेग्नेंसी के दौरान।
- प्रेडायबिटीज : ब्लड शुगर लेवल नॉर्मल से ज्यादा, लेकिन डायबिटीज के स्तर तक नहीं।
लक्षण
- ज्यादा प्यास और पेशाब आना
- वजन कम होना (टाइप 1 में)
- थकान, धुंधला दिखना, धीमी गति से घाव भरना
- बार-बार इन्फेक्शन होना
कॉजेज और रिस्क फैक्टर्स
- जेनेटिक्स
- मोटापा
- अनहेल्दी डाइट
- एक्सरसाइज न करना
- उम्र (45+ में रिस्क ज्यादा)
- फैमिली हिस्ट्री
कॉम्प्लिकेशन्स
- हार्ट डिसीज, स्ट्रोक
- किडनी फेल
- नर्व डैमेज (न्यूट्रोपैथी)
- आंखों की समस्या (रेटिनोपैथी)
- फुट अल्सर, गैंग्रीन (अंगच्छेदन का खतरा)
मैनेजमेंट
- डाइट : कम कार्ब, हेल्दी फूड (फल, सब्जियां, व्होल ग्रेन्स)
- एक्सरसाइज : रेगुलर फिजिकल एक्टिविटी (30 मिनट डेली)
- मेडिसिन्स/इन्सुलिन : डॉक्टर की सलाह से
- मॉनिटरिंग : ब्लड शुगर चेक करना
- एडुकेशन : डायबिटीज मैनेजमेंट के बारे में सीखना
प्रिवेंशन (टाइप 2)
- हेल्दी वजन रखना
- एक्सरसाइज और बैलेंस्ड डाइट
- रेगुलर चेकअप










