जर्मन मेट्रो में Maisie Williams के साथ बैठे भारतीय युवक की वायरल कहानी! Fact or Fake

By: अजीत नारायण सिंह

On: Saturday, December 6, 2025 9:17 PM

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सोशल मीडिया पर वायरल तस्वीर जिसमें एक भारतीय युवक मेट्रो में Maisie Williams के साथ देखे जाने का दावा किया जा रहा है। लेकिन क्या यह कहानी सच है? जानिए वायरल दावे की हकीकत!

Viral दावा क्या है?

कुछ दिनों पहले सोशल मीडिया (X, Facebook आदि) पर एक तस्वीर बहुत तेजी से वायरल हुई, जिसमें बताया जा रहा था कि जर्मनी की मेट्रो में एक भारतीय युवक बैठे थे, और उनके बगल में Game of Thrones की अभिनेत्री Maisie Williams थीं। यह दावा किया गया कि युवक ने उन्हें पहचान ही नहीं और यह एक “डेस्टिनी मीटिंग” बन गई।

कहानी आगे यह बताती है कि एक प्रसिद्ध जर्मन मैगज़ीन (दावा है Der Spiegel) ने युवक को खोज निकाला। रिपोर्ट के अनुसार, युवक अवैध रूप से रह रहा था, पासपोर्ट या टिकट नहीं था, और उसने कहा कि जब भी रोज़ ट्रेन बिना टिकट पकड़नी पड़ी हो, तब किसी सेलिब्रिटी के होने से फर्क नहीं पड़ता।

इसके बाद दावा यह किया गया कि मैगज़ीन ने उस युवक को नौकरी और वीज़ा दिलाने में मदद की और उसकी किस्मत पलट गई।

इस दावे की विश्वसनीयता पर सवाल क्यों?

दरअसल, जिस मीडिया रिपोर्ट या विश्वसनीय स्रोत से इस कहानी की पुष्टि हो, उसका कोई भरोसेमंद लिंक नहीं मिला है।

किसी प्रमुख समाचार संस्थान (इंटरनेशनल या जर्मन) द्वारा इस घटना की रिपोर्टिंग नहीं मिली। जबकि अगर ऐसा सच में हुआ होता, तो एक विश्व-प्रसिद्ध स्टार + अप्रवासी युवक की ये कहानी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर लोगों का ध्यान आकर्षित कर सकती थी।वायरल पोस्ट भावनात्मक है लेकिन तथ्य-हीन।

फैक्ट क्या है ?

प्रमुख हिंदी मीडिया स्रोतों में से एक, दक्षिण भारत की प्रसिद्ध न्यूज़ वेबसाइट, इस वायरल दावे पर खबर की है। लेकिन उस लेख में भी इस कहानी की पुष्टि नहीं हुई है। इसे एक “वायरल फोटो + कहानी” के रूप में प्रकाशित किया गया है, न कि सत्यापित रिपोर्ट।

जिस तैयारी/दावा के मुताबिक यह घटना हुई, कि एक जर्मन मैगज़ीन ने युवक को ढूंढ निकाला,उसका कोई प्रमाण नहीं दिखता। न तो मैगज़ीन का दावा, न कोई इंटरव्यू, न कोई तस्वीर या दस्तावेज उपलब्ध हैं।

Fact or Fake ?

वर्तमान जानकारी के आधार पर

  1. वायरल तस्वीर + कहानी “सत्यापित” नहीं मानी जा सकती
  2. यह संभव है कि यह सिर्फ एक सोशल-मीडिया वायरल मिथक है, जिसे लोगों ने शेयर किया, फैलाया, और भावनात्मक रूप से “डेस्टिनी”, “बदलाव”, “मिलन” जैसी कहानियों के लिए इस्तेमाल किया।
  3. जब तक कोई भरोसेमंद स्रोत जै,से समाचार लेख, प्रत्यक्ष साक्षात्कार, या विश्वसनीय दस्तावेज, उपलब्ध नहीं हो जाते, इस दावे को “फर्जी” या “अनपुष्ट” के रूप में देखना सुरक्षित है।

वायरल कहानियों का सच कैसे पता लगा सकते हैं?

  • जानकारी के स्रोत की जाँच करें, सिर्फ सोशल मीडिया पोस्ट नहीं, बल्कि समाचार लेख, इंटरव्यू, या आधिकारिक रिपोर्ट देखें।
  • तस्वीरों और दावों के लिए रिवर्स इमेज सर्च या ट्रांसलेशन देखें, कभी-कभी तस्वीर पुराने प्रोमो, शूट या अन्य मौकों की होती है।
  • अगर किसी विदेशी स्थान या घटना से जुड़ा है, वहाँ के स्थानीय मीडिया या अंतरराष्ट्रीय मीडिया रिपोर्टिंग देखें।
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अजीत नारायण सिंह

अजीत नारायण सिंह बतौर पत्रकार सामाजिक विषयों और समसामयिक मुद्दों पर लिखते है। उनका लेखन समाज में जागरूकता लाने, शिक्षा, स्वास्थ्य और ग्रामीण विकास जैसे विषयों पर केंद्रित रहता है। वे सरल भाषा और तथ्यपरक शैली के लिए जाने जाते हैं।
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