सिंगरौली। अंतरराष्ट्रीय दिव्यांगजन दिवस पर राजमाता चूनकुमारी स्टेडियम बैढ़न सकारात्मक ऊर्जा, उत्साह और प्रेरणा से भर उठा। सामाजिक न्याय विभाग व जिला शिक्षा केंद्र के संयुक्त आयोजन में हुए इस कार्यक्रम में 342 दिव्यांगजन ने हिस्सा लेकर अपनी प्रतिभा, आत्मविश्वास और जज़्बे से सभी का दिल जीत लिया। कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्वलन से हुई, जिसमें प्राधिकरण अध्यक्ष दिलीप शाह, भाजपा जिलाध्यक्ष सुंदरलाल शाह, जिला पंचायत उपाध्यक्ष अर्चना सिंह सहित कई जनप्रतिनिधि मौजूद रहे।
राजमाता चूनकुमारी स्टेडियम बैढ़न शुक्रवार को किसी सामान्य कार्यक्रम का नहीं, बल्कि हौसलों के उत्सव का गवाह बना। अंतरराष्ट्रीय दिव्यांगजन दिवस के अवसर पर 342 दिव्यांगजन जब मंच पर उतरे—तो लगा मानो चुनौतियां पीछे रह गई हों और सपने आगे चल पड़े हों। कार्यक्रम दीप प्रज्वलन से शुरू हुआ, लेकिन असली उजाला तो तब हुआ जब दिव्यांग छात्र-छात्राओं ने संगीत, भजन, चित्रकला और खेलों के माध्यम से अपनी अनकही क्षमताओं को दुनिया के सामने रखा। तालियों से गूंजते स्टेडियम ने मानो हर बच्चे से कहा— “तुम सीमित नहीं, विशेष हो।” बैसाखी दौड़, 100 मीटर रेस, जलेबी दौड़, रिबन रेस, मटका फोड़—हर प्रतियोगिता सिर्फ खेल नहीं थी, बल्कि यह घोषणा थी कि दिव्यांगजन कुछ नहीं छोड़ते, बस अपनी सीमाएं पीछे छोड़ देते हैं। मूक-बधिर वर्ग की रेस में शिवराज, शुभम और दिव्यांशु की जीत सिर्फ मेडल की नहीं थी, बल्कि आत्मविश्वास की जीत थी। बालिका वर्ग में सीमा, सरिता और आराधना ने भी बता दिया कि सपनों की कोई कमी नहीं होती, बस उड़ान की जरूरत होती है। दिव्यांग पुनर्वास केंद्र द्वारा लगाए गए उपकरणों की प्रदर्शनी, स्वास्थ्य परीक्षण और वहीं जारी किए गए दिव्यांगता प्रमाणपत्र ने प्रतिभागियों को असली सहयोग का एहसास कराया। यह सिर्फ सुविधा नहीं, बल्कि एक संदेश था— “हम आपके साथ हैं।”










