सिंगरौली। न्यायोत्सव विधिक सेवा सप्ताह 2025 के अंतर्गत बालिकाओं को उनके अधिकारों से अवगत कराने और उनमें कानूनी जागरूकता बढ़ाने के उद्देश्य से 13 नवम्बर को खुला आश्रय गृह बैढ़न एवं गायत्री बालिका गृह विन्ध्यनगर में विधिक साक्षरता/जागरूकता शिविर का प्रभावी आयोजन किया गया।
न्यायोत्सव विधिक सेवा सप्ताह 2025 ने इस बार बालिकाओं के जीवन में ज्ञान और सुरक्षा का ऐसा उजाला भर दिया, जिसने उनके आत्मविश्वास में नई चमक जगा दी। 13 नवम्बर को खुला आश्रय गृह बैढ़न और गायत्री बालिका गृह विन्ध्यनगर में आयोजित विधिक साक्षरता और जागरूकता शिविर बालिकाओं के लिए प्रेरणा का केंद्र बना।
विशेष शिविर में जिला न्यायाधीश श्रीमती कंचना गुप्ता ने जब बालिकाओं से शिक्षा के अधिकार और कानून से मिलने वाली सुरक्षा पर बात की, तो उनकी आंखों में सपनों की चमक और चेहरे पर आत्मविश्वास स्पष्ट नजर आया। निरीक्षण के दौरान उन्होंने संस्थाओं की व्यवस्थाओं को देखा, बालिकाओं का मनोबल बढ़ाया और बेहतर माहौल के लिए सार्थक सुझाव भी दिए।सबसे खास पल वह रहा जब बाल श्रम पर उत्कृष्ट प्रस्तुति देने वाली बालिकाओं को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया। यह सिर्फ प्रमाण पत्र नहीं, बल्कि उनकी मेहनत, समझ और जागरूकता की स्वीकृति का प्रतीक बना।
कार्यक्रम की गरिमा को बढ़ाने में न्यायिक मजिस्ट्रेट श्रीमती रूपा मिश्रा, न्यायाधीश श्री मनोरम तिवारी, जिला विधिक सहायता अधिकारी श्री अमित शर्मा, बाल संरक्षण अधिकारी श्री नीरज शर्मा, शिरीन सहित अन्य अधिकारियों की उपस्थिति महत्वपूर्ण रही।










