नई दिल्ली। प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना, एक केंद्रीय क्षेत्र योजना है जिसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 17 सितंबर 2023 को शुरू किया था। इस योजना का उद्देश्य उन कारीगरों और शिल्पकारों को समर्थन देना है जो अपने हाथों और औजारों से काम करते हैं। यह योजना 18 परंपरागत व्यवसायों में लगे लोगों के लिए शुरू की गई है, इस योजना को 2027-28 तक पाँच वर्षों के लिए लागू किया गया है।
प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना का उद्देश्य देश के कारीगरों और शिल्पकारों को वित्तीय सहायता, प्रशिक्षण और पहचान प्रदान करना है। जानिए योजना के लाभ, आवेदन प्रक्रिया और पात्रता के बारे में।
कारीगरों और शिल्पकारों को मिलने वाले प्रमुख लाभ
- मान्यता : कारीगरों को “प्रधानमंत्री विश्वकर्मा प्रमाणपत्र” और “पहचान पत्र” दिए जाएंगे।
- कौशल उन्नयन : कारीगरों को 5-7 दिन का बुनियादी प्रशिक्षण और 15 दिन या अधिक का उन्नत प्रशिक्षण मिलेगा।
प्रशिक्षण के दौरान प्रति दिन ₹500 का वजीफा दिया जाएगा। - टूलकिट प्रोत्साहन : ई-वाउचर के रूप में ₹15,000 तक की सहायता टूलकिट खरीदने के लिए दी जाएगी।
- ऋण सहायता : कारीगरों को दो चरणों में कुल ₹3 लाख तक का बिना गारंटी वाला लोन मिलेगा।
पहली किस्त ₹1 लाख और दूसरी किस्त ₹2 लाख की होगी।
ऋण पर केवल 5% ब्याज दर रखी गई है, जबकि सरकार 8% तक की छूट देगी। - डिजिटल प्रोत्साहन : डिजिटल लेनदेन को बढ़ावा देने के लिए, प्रति डिजिटल भुगतान पर ₹1 की प्रोत्साहन राशि दी जाएगी (प्रति माह अधिकतम 100 लेनदेन तक)।
- विपणन सहायता : कारीगरों को अपने उत्पादों की ब्रांडिंग, गुणवत्ता प्रमाणन, और ऑनलाइन बिक्री (जैसे GeM प्लेटफ़ॉर्म पर) में मदद दी जाएगी।
पात्र कारीगरों की सूची
- बढ़ई (सुथार/बधाई)
- नाव निर्माता
- कवचकार
- लोहार
- हथौड़ा और औजार बनाने वाला
- ताला बनाने वाला
- सुनार
- कुम्हार
- मूर्तिकार
- चर्मकार/मोची
- राजमिस्त्री
- टोकरी, चटाई, झाड़ू बनाने वाले
- पारंपरिक गुड़िया और खिलौने बनाने वाले
- नाई
- माला बनाने वाले
- धोबी
- दर्जी
- मछली जाल निर्माता
आवेदन प्रक्रिया
योजना के लिए आवेदन pmvishwakarma.gov.in वेबसाइट पर किया जा सकता है।
ऑनलाइन आवेदन के चरण
- वेबसाइट पर जाएं और “Login” पर क्लिक करें।
- मोबाइल नंबर और कैप्चा डालकर लॉगिन करें।
- आवेदन फॉर्म में अपनी व्यक्तिगत जानकारी भरें।
- आवश्यक दस्तावेज़ (आधार कार्ड, आय प्रमाण पत्र, जाति प्रमाण पत्र आदि) अपलोड करें।
- आवेदन सबमिट करें।
- आवेदन की स्थिति ऑनलाइन देखी जा सकती है।
यदि कोई व्यक्ति खुद ऑनलाइन आवेदन नहीं कर सकता, तो वह कॉमन सर्विस सेंटर (CSC) पर जाकर आवेदन कर सकता है। CSC प्रतिनिधि आवेदन प्रक्रिया में सहायता करेंगे।
योजना के मुख्य उद्देश्य
- पारंपरिक कारीगरों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाना।
- उनके कौशल को आधुनिक प्रशिक्षण और उपकरणों से उन्नत करना।
- उन्हें डिजिटल और औपचारिक बाजार से जोड़ना।
- भारत की पारंपरिक कला और संस्कृति को नई पहचान देना।










