छत्तीसगढ़ में एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है। इसमें जनसंपर्क विभाग के अधिकारी संजीव तिवारी और एक स्थानीय पत्रकार के बीच मारपीट होती नजर आ रही है। यह घटना राज्य में प्रशासनिक मर्यादाओं और मीडिया की स्वतंत्रता पर गंभीर सवाल खड़े करती है।
वीडियो में देखा जा सकता है कि दोनों के बीच पहले तीखी बहस होती है। कुछ ही देर बाद स्थिति मारपीट में बदल जाती है। बताया जा रहा है कि यह घटना एक सरकारी कार्यक्रम के दौरान हुई। पत्रकार वहां कार्यक्रम की कवरेज करने पहुंचा था और अधिकारी से कुछ सवाल पूछ रहा था। इसी दौरान अधिकारी भड़क गए और विवाद बढ़ गया।
छत्तीसगढ़ भाजपा राज में पत्रकार भी सुरक्षित नहीं! DPR दफ्तर में अधिकारी संजीव तिवारी ने पत्रकार और उसके साथी से की मारपीट।#Chhattisgarh pic.twitter.com/3bjhRj7a5N
— Manish Tiwari (@livemanish_) October 9, 2025
वीडियो के वायरल होने के बाद पत्रकार संगठनों ने इस घटना की कड़ी निंदा की है। उन्होंने इसे “मीडिया को धमकाने और नियंत्रण में लेने की कोशिश” बताया है। विपक्ष ने भी सरकार पर निशाना साधा है। उनका कहना है कि प्रदेश में मीडिया पर दबाव लगातार बढ़ता जा रहा है।
कई वरिष्ठ पत्रकारों का मानना है कि हाल के समय में सरकार की आलोचना करने वाले मीडिया संस्थानों और पत्रकारों पर दबाव बढ़ा है। कुछ का कहना है कि “जो पत्रकार सवाल पूछते हैं, उन्हें मारपीट और मुकदमों के ज़रिए डराने की कोशिश की जा रही है।”
सूत्रों के मुताबिक, यह पहला मौका नहीं है जब किसी सरकारी अधिकारी या सत्ता से जुड़े व्यक्ति पर पत्रकारों के साथ दुर्व्यवहार का आरोप लगा हो। फिर भी अब तक न तो राज्य सरकार और न ही जनसंपर्क विभाग की ओर से कोई आधिकारिक बयान जारी किया गया है।
इस घटना ने सोशल मीडिया पर बहस छेड़ दी है। लोग सवाल उठा रहे हैं कि आखिर पत्रकारों की सुरक्षा और स्वतंत्रता की गारंटी कौन देगा।










