मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा में 9 बच्चों की मौत के बाद राज्य सरकार ने बड़ा कदम उठाया है। मुख्यमंत्री मोहन यादव ने Coldrif कफ सिरप की बिक्री पर पूरे प्रदेश में रोक लगाने का आदेश दिया है। इस घटना ने पूरे प्रदेश को झकझोर दिया है।
छिंदवाड़ा में 9 बच्चों की मौत के बाद मध्य प्रदेश सरकार ने Coldrif कफ सिरप पर प्रदेशभर में बैन लगाया। जांच में DEG की मात्रा अनुमेय सीमा से ज्यादा पाई गई।
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह घटना बेहद दुखद है। सिरप की वजह से बच्चों की मौत हुई है। इसलिए पूरे मध्य प्रदेश में इसकी बिक्री तुरंत बंद कर दी गई है। उन्होंने बताया कि इस सिरप का उत्पादन तमिलनाडु के कांचीपुरम में स्थित एक फैक्ट्री में होता है।
मध्यप्रदेश सरकार का सख्त एक्शन…
👉Coldrif सिरप पूरे प्रदेश में बैन
👉सिरप को बनाने वाली कंपनी के अन्य प्रोडक्ट की बिक्री पर भी प्रतिबंध
👉किसी भी कीमत पर बख्शे नहीं जाएंगे दोषी@DrMohanYadav51 @CMMadhyaPradesh @MPPoliceDeptt #JansamparkMP pic.twitter.com/L4eKzqRLlJ— Home Department, MP (@mohdept) October 4, 2025
कंपनी और उसके उत्पादों की जांच
सरकार ने सिरप बनाने वाली कंपनी और उसके सभी उत्पादों की जांच शुरू कर दी है। मुख्यमंत्री ने कहा कि बच्चों की मौत के जिम्मेदार लोगों को बख्शा नहीं जाएगा। दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी।
जांच रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई
सीएम ने बताया कि घटना के बाद तमिलनाडु सरकार से जांच रिपोर्ट मांगी गई थी। आज सुबह रिपोर्ट आई। रिपोर्ट में सिरप के नमूनों में खतरनाक रसायन DEG की मात्रा अनुमेय सीमा से ज्यादा पाई गई। इसी आधार पर कार्रवाई की गई।
छिंदवाड़ा में Coldrif सिरप के कारण हुई बच्चों की मृत्यु अत्यंत दुखद है। इस सिरप की बिक्री को पूरे मध्यप्रदेश में बैन कर दिया है। सिरप को बनाने वाली कंपनी के अन्य प्रोडक्ट की बिक्री पर भी बैन लगाया जा रहा है।
सिरप बनाने वाली फैक्ट्री कांचीपुरम में है, इसलिए घटना के संज्ञान में…
— Dr Mohan Yadav (@DrMohanYadav51) October 4, 2025
स्थानीय और राष्ट्रीय स्तर पर जांच
स्थानीय स्तर पर पहले से ही जांच चल रही थी। अब राज्य स्तर पर भी विशेष टीम बनाई गई है। वहीं केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने भी जानकारी दी है कि कई नमूने DEG/EG से मुक्त पाए गए। लेकिन तमिलनाडु FDA की रिपोर्ट में सिरप असुरक्षित साबित हुआ।
6 राज्यों में हो रही जांच
मामले की गंभीरता को देखते हुए देशभर में 19 दवा कंपनियों की जांच की जा रही है। यह “Risk-Based Inspection” के तहत की जा रही है। छिंदवाड़ा और आसपास के इलाकों में NIV, ICMR, NEERI, CDSCO और AIIMS नागपुर की टीमें पहुंच चुकी हैं। ये विशेषज्ञ असली कारणों की जांच कर रहे हैं।










