भारतीय न्याय व्यवस्था को और बेहतर बनाने के लिए सरकार ने बड़ा कदम उठाया है। 1 जुलाई से देश में नए आपराधिक कानून लागू हो गए हैं। इसमें भारतीय न्याय संहिता (BNS), भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (BNSS) और भारतीय साक्ष्य अधिनियम (BSA) शामिल हैं।
1 जुलाई से देश में भारतीय न्याय संहिता (BNS), भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (BNSS) और भारतीय साक्ष्य अधिनियम (BSA) लागू। अब ई-एफआईआर और जीरो एफआईआर से शिकायत दर्ज करना हुआ आसान।
इन नए कानूनों ने पुराने कानूनों की जगह ले ली है। यानी अब भारतीय दंड संहिता (IPC), दंड प्रक्रिया संहिता (CrPC) और 1872 का भारतीय साक्ष्य अधिनियम खत्म हो चुके हैं। सरकार का कहना है कि इन बदलावों से न्याय व्यवस्था तेज और सरल होगी। अब “तारीख पर तारीख” की पुरानी परंपरा से राहत मिलेगी। पुलिस जांच और अदालत की कार्यवाही में भी तेजी आएगी।
e-FIR क्या है?
ई-एफआईआर का मतलब है ऑनलाइन एफआईआर। यानी अब नागरिक इंटरनेट के जरिए घर बैठे पुलिस में शिकायत दर्ज करा सकते हैं। यह व्यवस्था लोगों के लिए समय बचाने वाली और आसान है।
e-FIR के फायदे
- नागरिकों को पुलिस सेवाएं घर बैठे मिलेंगी।
- अपराध की सूचना तुरंत दर्ज हो सकेगी।
- रिपोर्टिंग आसान होने से अपराधों की जानकारी बढ़ेगी।
- पुलिस को जांच जल्दी शुरू करने में मदद मिलेगी।
e-FIR में ध्यान देने वाली बात
नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) ने पहले ही कई राज्यों में CCTNS सिस्टम के तहत ई-एफआईआर सुविधा शुरू कर दी थी। अब नए कानूनों में यह व्यवस्था और मजबूत हुई है। लेकिन ध्यान रहे, ई-एफआईआर दर्ज कराने के बाद तीन दिन के भीतर थाने जाकर पुष्टि करना जरूरी है।
e-FIR कैसे करें?
- पुलिस विभाग की आधिकारिक वेबसाइट पर जाएं।
- उदाहरण के लिए मध्य प्रदेश पुलिस की वेबसाइट: citizen.mppolice.gov.in
- “ऑनलाइन एफआईआर” का विकल्प चुनें।
- अपनी व्यक्तिगत जानकारी और अपराध का विवरण भरें।
- प्रक्रिया पूरी होने के बाद आपको शिकायत संख्या मिलेगी।
- इस नंबर से आप अपने मामले को ट्रैक कर पाएंगे।
निष्कर्ष
नए आपराधिक कानूनों के साथ न्याय व्यवस्था में बड़ा बदलाव आया है। ई-एफआईआर और जीरो एफआईआर जैसी सुविधाएं आम लोगों को राहत देंगी। इससे पुलिस और अदालत दोनों की कार्यवाही तेज होगी।










