भोपाल, 18 सितम्बर । मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने किसानों और आमजन के स्वास्थ्य को सर्वोच्च प्राथमिकता बताया है। उन्होंने कहा कि गरीब और किसानों की समृद्धि ही सरकार का मुख्य लक्ष्य है। इसी कड़ी में उन्होंने धान किसानों में फैल रही बीमारी ‘मेलिओइडोसिस’ की रोकथाम के लिए गंभीर कदम उठाने के निर्देश दिए हैं।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने किसानों और आमजन के स्वास्थ्य को सर्वोच्च प्राथमिकता बताते हुए ‘मेलिओइडोसिस’ बीमारी की रोकथाम और उपचार के लिए स्वास्थ्य एवं कृषि विभाग को निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री ने स्वास्थ्य और कृषि विभाग को संयुक्त कार्रवाई के आदेश दिए हैं। उन्होंने कहा कि प्रभावित और संभावित क्षेत्रों में जांच अभियान चलाया जाए। किसानों को सजग और जागरूक किया जाए। यदि कोई मरीज चिन्हित होता है तो उसका समुचित उपचार तुरंत उपलब्ध कराया जाए।
एम्स भोपाल की रिपोर्ट में कहा गया है कि प्रदेश में धान की खेती का रकबा बढ़ा है। पानी की अधिकता वाले इलाकों में यह बीमारी तेजी से फैल रही है। रिपोर्ट में बताया गया कि प्रदेश के 20 से ज्यादा जिलों में मरीज मिले हैं। एम्स भोपाल ने डॉक्टरों और अस्पताल प्रबंधकों के लिए प्रशिक्षण सत्र भी आयोजित किए हैं।
क्या है ‘मेलिओइडोसिस’?
यह बीमारी ‘बर्कहोल्डरिया स्यूडोमैली’ नामक बैक्टीरिया से होती है। यह बैक्टीरिया मिट्टी और पानी में पाया जाता है।
इसके लक्षण अक्सर टीबी जैसे होते हैं। जैसे –
- लंबे समय तक बुखार रहना या बार-बार आना
- लगातार खांसी होना
- सांस लेने या चलने-फिरने में सीने में दर्द होना
- टीबी की दवा से भी सुधार न होना
विशेषज्ञों का कहना है कि यह बीमारी खासतौर पर धान की खेती करने वाले किसानों को प्रभावित कर सकती है। मधुमेह के रोगी और अधिक शराब पीने वाले लोग भी इसके शिकार हो सकते हैं।
बचाव ही उपाय
इस बीमारी से बचाव के लिए समय पर जांच और उपचार जरूरी है। किसानों को खेतों में काम करते समय सावधानी बरतने की सलाह दी गई है। सरकार ने आश्वासन दिया है कि सभी प्रभावित लोगों को इलाज और सहायता उपलब्ध कराई जाएगी।










