सिंगरौली, 16 सितम्बर 2025 (मंगलवार) : Success Story : राज्य और केंद्र सरकार स्कूलों में कौशल विकास पर जोर दे रही हैं। इसका असर अब जमीन पर दिख रहा है। सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले छात्र व्यावसायिक शिक्षा के जरिए नया हुनर सीख रहे हैं। इससे पढ़ाई के साथ रोजगार के अवसर भी बन रहे हैं।
शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय, सिंगरौली में कक्षा 12 में पढ़ने वाले दलपत सिंह भी ऐसे ही छात्र हैं। वे नियमित कक्षाओं के साथ व्यावसायिक शिक्षा ले रहे हैं। वे अपने हुनर को हर दिन निखार रहे हैं। शिक्षक भी उन्हें मार्गदर्शन दे रहे हैं।
दलपत ने कहा, “मैंने कृषि गतिविधियों के तहत आम की कलम तैयार करना सीखा है। मैंने मशरूम उत्पादन की विधियां भी सीखीं।” उन्होंने बताया कि घर पर उन्होंने दशहरी आम की कलमें तैयार कीं। अब वे इन्हें बिक्री के लिए ले जा रहे हैं। इससे उनकी छोटी कमाई शुरू हो गई है। परिवार को भी सहयोग मिल रहा है।
दलपत ने अपने गांव के चार लोगों को भी प्रशिक्षण दिया। उन्होंने उन्हें आम की कलम तैयार करने की आसान विधि समझाई। इसके साथ मशरूम उत्पादन की बेसिक तकनीक भी सिखाई। इससे गांव में नए रोजगार अवसर बन रहे हैं। लोग छोटे स्तर पर काम शुरू कर रहे हैं। यह बदलाव सकारात्मक है।
छात्र ने कहा, “मैं अन्य गतिविधियों में भी हिस्सा ले रहा हूं। इससे मेरा आत्मविश्वास बढ़ा है।” स्कूल के शिक्षक बताते हैं कि ऐसे प्रशिक्षण से बच्चों में अनुशासन आता है। बच्चों में सीखने की इच्छा बढ़ती है। वे पढ़ाई के साथ अभ्यास भी करते हैं। यही व्यावसायिक शिक्षा का लक्ष्य है।
स्थानीय शिक्षा विभाग का भी मानना है कि व्यावसायिक शिक्षा से छात्रों में नौकरी के साथ उद्यम की सोच बनती है। स्कूलों में कृषि, इलेक्ट्रिकल, आईटी और अन्य मॉड्यूल चल रहे हैं। इनसे बच्चों को बुनियादी कौशल मिलता है। आगे चलकर वे उच्च प्रशिक्षण भी ले सकते हैं।
गांव के लोग दलपत की पहल की सराहना कर रहे हैं। वे कहते हैं कि कम लागत में मशरूम उत्पादन संभव है। आम की अच्छी कलम से बगीचा तैयार किया जा सकता है। छोटे कदम से बड़ा फर्क दिखता है। युवा अगर ऐसे ही आगे बढ़ें, तो गांवों में आय बढ़ेगी। पलायन भी कम होगा।
सरकार की योजनाओं का लक्ष्य भी यही है। बच्चों को पढ़ाई के साथ कौशल देना जरूरी है। सिंगरौली का यह उदाहरण प्रेरक है। एक छात्र का प्रयास कई परिवारों की मदद कर सकता है। दलपत की कहानी बताती है कि सही मार्गदर्शन से बदलाव संभव है। स्कूल, परिवार और समुदाय मिलकर बच्चों को आगे बढ़ा सकते हैं।
मुख्य बातें Success Story
- कक्षा 12 के छात्र दलपत सिंह ने स्कूल में व्यावसायिक शिक्षा से प्रशिक्षण लिया।
- आम की कलम तैयार करना और मशरूम उत्पादन सीखकर कमाई शुरू की।
- गांव के चार लोगों को भी प्रशिक्षण दिया, रोजगार के अवसर बढ़े।
- स्कूल और सरकार के कौशल विकास प्रयासों का दिख रहा है असर।
- बच्चों में आत्मविश्वास और उद्यम की सोच विकसित हो रही है।










