नगर निगम सिंगरौली की आयुक्त ने विकास कार्यों के लिए नई एसओपी लागू की

By: News Desk

On: Thursday, August 21, 2025 6:47 AM

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सिंगरौली, 21 अगस्त 2025। नगर पालिक निगम सिंगरौली की आयुक्त श्रीमती सविता प्रधान ने बुधवार को विकास कार्यों के संचालन के लिए नई मानक कार्य प्रणाली (एसओपी) जारी की। इस एसओपी का उद्देश्य कार्यों में पारदर्शिता, समयबद्धता और गुणवत्ता सुनिश्चित करना है।

आयुक्त द्वारा जारी आदेश में स्पष्ट किया गया है कि अब सभी प्राक्कलन (estimates) विस्तृत तकनीकी रिपोर्ट, क्रॉस सेक्शन, डिजाइन, ड्राइंग और जियो-टैग फोटो के साथ ही प्रस्तुत किए जाएंगे। साथ ही भूमि स्वामित्व संबंधी खसरे की कॉपी भी नस्ती के साथ अनिवार्य रूप से संलग्न करनी होगी।

सहायक यंत्री और उपयंत्रियों की जिम्मेदारी

एसओपी में संबंधित सहायक यंत्री और उपयंत्रियों को निर्देश दिया गया है कि वो अपने-अपने जोनों के तहत आने वाले वार्डों का अलग वार्डवार रजिस्टर संधारित करें। इसमें प्रत्येक कार्य की प्रविष्टि, कार्य की प्रगति, निरीक्षण की टिप्पणियां और स्वीकृति विवरण दर्ज रहेंगे। स्थानांतरण की स्थिति में यह रजिस्टर अगले अधिकारी को सौंपना होगा।

कार्य स्थल निरीक्षण और प्राक्कलन

निगमायुक्त ने आदेश में यह भी कहा है कि किसी भी कार्य के प्राक्कलन के साथ स्थल निरीक्षण की रिपोर्ट अनिवार्य है। साथ ही यह भी बताया जाए कि पूर्व में स्थल पर कौन-सा कार्य कराया गया था और प्रस्तावित बजट मद कौन-सी है।

विकास कार्यों के लिए तैयार किए गए सभी प्रस्ताव केवल उसी मद (budget head) में अग्रेषित किए जाएंगे, जिससे वे संबंधित हैं।

निविदा प्रक्रिया और गारंटी

एसओपी में निविदा से जुड़े प्रावधान भी शामिल किए गए हैं। जारी निविदाओं की जानकारी संबंधित समाचार पत्र की प्रति और विवरण के साथ नोट शीट पर अंकित की जाएगी। निविदाओं की स्वीकृत शर्तें भी संलग्न करनी होंगी।

किसी भी कार्य हेतु परफार्मेंस गारंटी और अतिरिक्त गारंटी प्राप्त करना जरूरी होगा। यह गारंटी डीएलपी अवधि से तीन माह अधिक की वैधता वाली होनी चाहिए। इसके सत्यापन का विवरण भी फाइल पर अंकित करना अनिवार्य होगा।

निर्माण कार्य में गुणवत्ता पर जोर

निगमायुक्त ने स्पष्ट कहा है कि तकनीकी प्राक्कलन और माप पुस्तिका में जो सामग्री और मात्रा दर्ज की गई है, वही कार्य में उपयोग हो। यदि कोई अंतर पाया जाता है तो पुनरीक्षित प्राक्कलन तैयार कर उचित स्वीकृति प्राप्त करनी होगी।

माप पुस्तिका में दिनांक सहित कार्य की माप का उल्लेख, संबंधित यंत्री के हस्ताक्षर और मुद्रांक (seal) होना आवश्यक है। साथ ही परीक्षण रिपोर्ट और स्थल निरीक्षण की टिप्पणियां भी संलग्न की जाएंगी।

प्रमाण पत्र और फोटो अनिवार्य

देयक (payment bills) प्रस्तुत करते समय रॉयल्टी चुकता प्रमाण पत्र, कार्यपूर्णता प्रमाण पत्र और गुणवत्ता रिपोर्ट भी जरूरी होंगे। एसओपी के अनुसार कार्य से पूर्व और कार्य के पश्चात् के जियो-टैग फोटो संलग्न करना होगा।

इसके अलावा पेवर ब्लॉक और सीमेंट कंक्रीट की कंप्रेसिव टेस्ट रिपोर्ट तथा पेंट के ब्रांड और मेक की रिपोर्ट, यंत्री के प्रमाणीकरण उपरांत नस्ती में लगाई जाएगी।

नियमों का पालन न करने पर कार्रवाई

निगमायुक्त सविता प्रधान ने सख्त निर्देश दिए हैं कि यदि भविष्य में किसी फाइल (नस्ती) में उपरोक्त दस्तावेज और आवश्यक प्रक्रियाएं पूर्ण नहीं पाई जाती हैं, तो संबंधित अधिकारी-कर्मचारी के विरुद्ध कार्यवाही की जाएगी।

किसान को परेशानी हुई तो जिम्मेदारों पर होगी कार्रवाई। – महापौर श्रीमती रानी अग्रवाल

 

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