2 अगस्त 2025, भोपाल : गुरुवार को मध्य प्रदेश विधानसभा में Comptroller and Auditor General (CAG) की रिपोर्ट पेश होते ही सियासी भूचाल आ गया। रिपोर्ट के मुताबिक किसानों के कल्याण के लिए बनाए गए Fertilizer Development Fund (FDF) के 5.31 करोड़ रुपए में से करीब 4.79 करोड़ रुपए (यानी 90%) सिर्फ गाड़ियां खरीदने, पेट्रोल-डीजल और उनकी देखरेख में खर्च कर दिए गए।
CAG रिपोर्ट ने हिलाया सिस्टम, किसानों के हक पर डाका
CAG की नई रिपोर्ट ने मध्य प्रदेश सरकार में बड़ा घोटाला उजागर किया है। किसानों की भलाई के लिए बनाए गए फंड का 90% हिस्सा सरकारी अफसरों की गाड़ियों और उनकी देखरेख में खर्च हुआ। यह खुलासा गुरुवार, 1 अगस्त 2025 को विधानसभा में रिपोर्ट पेश होने के बाद हुआ।
फंड का असली मकसद और असली सच
FDF बनाया गया था ताकि जब किसानों की फसल बर्बाद हो जाए या प्राकृतिक आपदा आए, तो उन्हें मदद मिल सके। साथ ही किसान ट्रेनिंग और सहकारी समितियों (PACS) को मजबूत करना भी इसका लक्ष्य था। लेकिन CAG रिपोर्ट बताती है कि 2017-18 से 2021-22 के बीच लगभग पूरा पैसा अफसरों की गाड़ियों, ड्राइवरों की सैलरी और वाहन मरम्मत में उड़ाया गया। सिर्फ 5.10 लाख रुपए ही असली जरूरतमंद किसानों पर खर्च हुए।
20 गाड़ियों पर 2.25 करोड़ रुपये
रिपोर्ट में ये भी कहा गया कि अकेले राज्य स्तर पर 2.77 करोड़ रुपए फूंके गए, जिसमें से 2.25 करोड़ सिर्फ 20 गाड़ियों पर लगा दिए गए। जिला स्तर पर भी स्थिति अलग नहीं रही। किसानों के लिए जो पैसा सस्ता खाद, ट्रेनिंग या आपदा में राहत में आना चाहिए था, उससे सिर्फ अफसरों का काम चलता रहा।
किसानों की डबल मार
CAG ने ये भी बताया कि सरकारी सहकारी संस्था ‘Markfed’ ने खाद की सप्लाई में मिलने वाली छूट किसानों तक नहीं पहुंचाई। इससे किसानों पर 10.5 करोड़ रुपए का और बोझ पड़ा। यहां तक कि 2021-22 में महंगे दाम पर खाद खरीदकर सरकार ने सस्ते में बांट दी, जिससे सरकारी खजाने को 4.38 करोड़ रुपए की चपत भी लगी।
सरकारी सफाई पर भी उठ गए सवाल
जब इस घोटाले पर अफसरों से सवाल हुआ, तो प्रमुख सचिव, सहकारिता विभाग ने फरवरी 2024 में सफाई दी कि गाड़ियां जरूरी थीं क्योंकि खाद वितरण की निगरानी करनी थी। पर CAG ने इस तर्क को बेअसर मानते हुए साफ कहा कि फंड के असली उद्देश्य को ही मार दिया गया।










