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WORLD MANGO DAY SPECIAL : मैंगो पुडिंग बनाने का आसान तरीका।

MANGO : मैंगो पुडिंग यह स्वादिष्ट आम की मिठाई दूध, चीनी, आम और कॉर्नफ्लोर से बनाई जाने वाली स्वादिष्ट मिठाई को मैंगो पुडिंग कहते हैं है। यह बेहद आसान रेसिपी है।
03 लोगों के लिए मैंगो पुडिंग बनाने मे लगाने वाली आवश्यक सामग्री
- 3 आम
- ३ बड़े चम्मच चीनी
- ३ बड़े चम्मच गुनगुना दूध
- २ कप दूध
- ३ बड़े चम्मच मक्के का आटा
मैंगो पुडिंग बनाने का तरीका
- सबसे पहले आम के गूदे को निकालकर ब्लेंडर में डालें। साथ में दूध और चीनी डालें।सभी को ब्लेंड कर चिकनी प्यूरी बना लें।
- कॉर्नफ्लोर को गुनगुने दूध में मिलाकर घोल तैयार कर लें।
- एक पैन में मैंगो प्यूरी डालकर मध्यम आंच पर रख दें। एक उबाल आने के बाद इसमें कॉर्नफ्लोर का घोल डालकर मिला लें। किसी भी गांठ को रोकने के लिए मिलाते रहें। 5 मिनट तक चलाते रहें और आप देखेंगे कि मिश्रण अब गाढ़ा हो गया है। आंच बंद कर दें और इसे थोड़ा ठंडा होने दें।
- अब मिश्रण को घी लगे सांचे में डालें और 1-2 घंटे के लिए फ्रिज में सेट होने के लिए रख दें।
आम का हलवा परोसने के लिए तैयार है। अपनी पसंद के अनुसार गार्निश करें खुद भी खाएं और दोस्तों को भी खिलाए।

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Awadhi meat korma : कैसे बनाएं अवधी गोश्त कोरमा । HINDI RECIPE

Awadhi meat korma एक स्वादिष्ट मटन रेसिपी (HINDI RECIPE)है जिसे पारंपरिक लखनवी दम स्टाइल में मटन को ढ़ेर सारे मसाले डालकर दम पर पकाया जाता है। यह रेसिपी सीधा श्रीनगर की किचन से निकलकर आई है, मुंह में पानी ला देने वाली इस रेसिपी को आप इस बार रमजान के दौरान बना सकते हैं।इसे आप शीरमाल या परांठे के साथ सर्व कर सकते हैं।
मटन (1किग्रा)
रिफाइंड तेल (2 टेबल स्पून)
हल्दी पाउडर (1 टी स्पून)
पानी (1/4 कप)
अदरक-लहसुन का पेस्ट (1 टी स्पून)
धनिया पाउडर (1 टी स्पून)
लाल मिर्च पाउडर (1 टी स्पून)
लहसुन (कुटा हुआ 1 टी स्पून)
प्याज (तला हुआ 1 टी स्पून)
हरी इलाइची (3-4)
साबुत दालचीनी (1 टी स्पून)
इलाइची (2 बड़ी)
तेजपत्ता (2-3)
दही (3 टेबल स्पून)
गुलाब जल (2 टी स्पून)
गरम मसाला (2 टी स्पून)
जायफल-धनिया पाउडर (1/2 टी स्पून)
केसर (1/2 टी स्पून)
नमक (स्वादानुसार)
(गूंथा हुआ) आटा
गार्निशिंग के लिए हरा धनिया
गार्निशिंग के लिए अदरक,जूलियन
अवधी गोश्त कोरमा बनाने की विधि
1.एक पैन में तेल गर्म करें इसमें हरी इलाइची, दालचीनी, लौंग, बड़ी इलाइची और तेजपत्ता डालें।2.जब यह हल्के फ्राई हो जाएं तो इसमें मीट डालें।
3.इसमें नमक और हल्दी डालकर अच्छे से मिलाएं।
4.इसमें पानी डालें, पैन को ढक दें और इसे पकाएं।
5.जब यह उबलने लगे तो इसमें अदरक लहसुप का पेस्ट, धनिया पाउडर, लाल मिर्च, गार्लिक पेस्ट और प्याज का पेस्ट डालें।
6.इसे अच्छे से मिलाएं, गुलाब जल, गरम मसाला, जायफल और दालचीनी पाउडर और केसर डालें।
7.इसे ढक दें और 2 से 3 मिनट के लिए पकाएं।
8.अब मीट को एक भारी तले के पैन में डालें और इसकी ग्रेवी को छान लें।
9.इसमें कुछ बूंदे इत्र की डालें और पैन को ढक दें।
10.इस पर आटे लगाकर ढक्कन को सील कर दें और धीमी आंच पर पकाएं।
11.एक बार यह जब यह तैयार हो जाए तो इसे अदरक और हरा धनिए से गार्निश करने के बाद सर्व करें।
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भारत में सबसे ज्यादा खाया जाने वाला समोसा भारतीय व्यंजन नहीं !

समोसा एक ऐसा पकवान है, जो शायद ही किसी को पसंद ना हो। समोसे के स्वाद और इसकी वैरायटी पर पूरी किताब लिखी जा सकती है। यह भारत में सबसे ज्यादा खाया जाने वाला स्ट्रीट फूड या पकवान है। हर छोटे-बड़े और खास मौके की जान बन बन चुके समोसे की कहानी भी उसी की तरह काफी स्वादिष्ट और दिलचस्प है। Also Read :समोसा (Samosa) बनाने और खाने पर यहां मिलती है सजा !
समोसा भारतीय व्यंजन नहीं !
भारतीय व्यंजन की पहचान बन चुके समोसे की शुरुआत ईरान से हुई है। यह बाहर से आने वाले प्रवासियों के द्वारा मध्य एशिया अफगानिस्तान से होता हुआ भारत पहुंचा। फारसी शब्द संबुशक से समोसे के नाम की उत्पत्ति हुई है। 11 वीं शताब्दी के इतिहासकारों ने पहली बार अपनी लेखनी में समोसे का जिक्र किया है। महमूद गजनवी के साम्राज्य में भी समोसे का जिक्र मिलता है। जिसमें कीमा व सूखे मेवे भरे होते थे, और इसे तेल में फ्राई किया जाता था। इसके अलावा मोरक्कन यात्री इब्नबतूता ने भी मोहम्मद बिन तुगलक के दरबार में समोसे पर उसे जाने का जिक्र किया है। इसकी व्याख्या उन्होंने समोसे को कीमा और मटर भरे हुए पतली परत वाली पैस्टी का नाम दिया है।
समोसे के आकार में अब तक कोई बदलाव नहीं आया।
समय के साथ समोसे के आकार में अब तक कोई बदलाव नहीं आया। पर जैसे-जैसे समोसा भारत की ओर बढ़ता गया उसके अंदर भरे जाने वाले मटन और मेवों की जगह आलू और सब्जियों ने ले ली। समोसे का स्वाद समोसे का स्वाद भारत के लोगों की जबान पर ऐसा चढ़ा कि यह धीरे-धीरे भारत की रग रग में बस गया।भारत में अलग-अलग जगहों पर अलग-अलग स्वाद और वैरायटी के समोसे मिलते हैं। पंजाब में आलू के साथ-साथ पनीर के चटपटे मसालेदार समोसे मिलते हैं। तो वहीं मुगलों का इतिहास समेटे दिल्ली में आलू के साथ काजू किसमिस वाले समोसे बनाए जाते हैं। जबकि यूपी बिहार में आज भी आलू के समोसे खास पसंद किए जाते हैं।
समोसे के तीनों कोणों में तीन लाेकों का स्वाद समाया हुआ है।
समय के साथ साथ समोसे के स्वाद और वैरायटी में काफी बदलाव आया है। अब कई जगहों पर समोसे में आलू, मटर मूंगफली, पनीर व सब्जियों के जगह पर नूडल्स भरे जाते हैं। इसके साथ ही मार्केट में मीठे समोसे भी आसानी से मिल जाते हैं। समोसे का स्वाद भले ही हर राज्य, गली, नुक्कड़ या दुकान के हिसाब से अलग-अलग हो सकता है। पर समोसे का आकार आज भी तिकोना ही है। और इसे तेल में डीप फ्राई करके ही बनाया जाता है। सेहत के प्रति जागरूक लोगों के लिए आजकल मार्केट में बेक किए हुए और स्टीम्ड समोसे भी मिलते हैं। पर आलू भरकर तेल में डीप फ्राई किए हुए समोसे का कोई मुकाबला नहीं। इसके तीनों कोणों में तीन लाेकों का स्वाद समाया हुआ है।
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समोसा (Samosa) बनाने और खाने पर यहां मिलती है सजा !

समोसा (Samosa) हर किसी का पसंदीदा है। जब भी हम किसी स्नैक्स (Snacks) की बात करते हैं, तो हमारे दिमाग में सबसे पहला नाम समोसा ही आता है। पर एक जगह ऐसी भी है, जहां समोसा (Samosa) खाना ही नहीं इसे खरीदना और बनाना भी बैन है। आपको सुनकर शायद यकीन ना हो, पर यह सच है। हम बात कर रहे हैं सोमालिया की।
समोसा (Samosa) हर किसी का फेवरेट है। हम भारतीयों में शायद ही कोई ऐसा हो जिसे समोसा (Samosa) पसंद ना हो। कोई भी मौका हो,हम उसे समोसे के साथ स्पेशल बना लेते हैं। हाल ही में फूड डिलीवरी ऐप स्विग्गी (Swiggy) ने एक सर्वे किया था। जिसमें यह बात सामने आई, कि भारतीयों ने 1 साल में न्यूजीलैंड की जनसंख्या के बराबर समोसे (Samosa) खाए हैं। हम इंडियंस (Indians) के लिए समोसे (Samosa) की दीवानगी का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है।

समोसा
पर सोमालिया में समोसा खाने पर ही नहीं, बनाने पर भी बैन है। यहां समोसा बनाने, खाने और बेचने पर सजा का प्रावधान है। दरअसल सोमालिया के एक चरमपंथी समूह का मानना है कि समोसे का त्रिकोण शेप क्रिश्चियन के बेहद नजदीक होता है।
इसके साथ ही कुछ रिपोर्ट में यह भी दावा किया गया है, कि यहां भुखमरी से मरे जानवरों के मीट को समोसे में इस्तेमाल किया जाता था। इसके अलावा यह भी बात सामने आई है, कि समोसे का शेप आक्रामकता को दर्शाता है।
जबकि हम सभी जानते हैं कि समोसा (Samosa) मैदे और आलू से बना एक स्वादिष्ट नाश्ता है। जिसमें हम मैदे के अंदर आलू भरकर फ्राई करते हैं। इसके अलावा अपनी मनपसंद सब्जियां भरकर भी बनाते हैं।
समोसे के इतिहास की बात करें तो, 16 वीं शताब्दी में मुगल काल के दौरान में भी समोसे का जिक्र मिलता है। ऐसा कहा जाता है कि समोसा (Samosa) भारत का ही आविष्कार है। और यह धीरे-धीरे पूरी दुनिया में मशहूर हो गया।
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