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विंध्य का सबसे बड़ा हॉस्पिटल चर्चा में, 80 नर्सिंग छात्राओं ने डॉक्टर पर लगाए गंभीर आरोप

Rakesh Kumar Vishwakarma

By Rakesh Kumar Vishwakarma

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Sanjay Gandhi Hospital

विंध्य क्षेत्र का सबसे बड़ा और प्रतिष्ठित सरकारी स्वास्थ्य संस्थान माने जाने वाला रीवा का संजय गांधी अस्पताल इन दिनों छात्राओं की गंभीर शिकायतों और असंतोष के कारण चर्चा में है। अस्पताल की नर्सिंग विंग की करीब 80 छात्राओं ने सामूहिक रूप से ईएनटी (कान, नाक और गला) विभाग के डॉक्टर के खिलाफ अभद्र व्यवहार, मानसिक उत्पीड़न और असुरक्षित माहौल बनाने का आरोप लगाया है। इन छात्राओं ने साफ तौर पर कहा है कि जब तक संबंधित डॉक्टर के खिलाफ उचित कार्रवाई नहीं की जाती, तब तक वे ईएनटी विभाग में ड्यूटी नहीं करेंगी। जिस पर प्रबंधन ने तत्काल कार्रवाई करते हुए छात्राओं को अन्य विभाग में भेजा और जांच कमेटी गठित की।

“डॉ. अशरफ का व्यवहार अपमानजनक और भयावह है”

मिडिया रिपोर्ट के मुताबिक नर्सिंग कॉलेज की 80 छात्राओं ने लिखित शिकायत में आरोप लगाया है कि ईएनटी विभाग में पदस्थ डॉ. अशरफ उनसे आपत्तिजनक भाषा में बात करते हैं, अभद्र टिप्पणी करते हैं और क्लीनिकल प्रैक्टिस के दौरान बार-बार मानसिक रूप से प्रताड़ित करते हैं। जिससे प्रताड़ीत होकर नर्सिंग कॉलेज की 80 छात्राओं ने प्राचार्य को लिखित शिकायत दी और कहा कि “डॉ. अशरफ का व्यवहार बार-बार अपमानजनक और असहज करने वाला है। उनके हाव-भाव और व्यवहार से छात्राएं असुरक्षित महसूस करती हैं। जिससे छात्रों की ट्रेनिंग और मानसिक स्वास्थ्य प्रभावित हो रहा है। छात्रों की शिकायत के बाद प्राचार्य प्रवीण पटेल ने तुरंत डीन डॉ. सुनील अग्रवाल को पत्र लिखकर मामले की जानकारी दी। प्रवीण पटेल ने कहा, “छात्रों की शिकायत के बाद उनकी सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए ईएनटी विभाग से उनकी ड्यूटी वापस ले ली गई है।

छात्राओं की शिकायत पर जांच समिति का गठन

इस मामले पर गंभीरता दिखाते हुए डीन डॉ. सुनील अग्रवाल ने कार्यस्थल पर महिलाओं के यौन उत्पीड़न (रोकथाम, निषेध एवं उपचार) अधिनियम, 2013 के तहत आंतरिक शिकायत समिति गठित की है। समिति अपनी जांच पूरी कर 7 दिन में रिपोर्ट सौंपेगी। इस जांच समिति में पीठासीन अधिकारी: डॉ. शशि जैन, विभागाध्यक्ष, नेत्र रोग विभाग सदस्य: डॉ. नीरा मराठे, पीएसएम विभाग सदस्य: रीना पटेल, स्टाफ नर्स अशासकीय सदस्य: कमलेश सचदेवा, खुशी फाउंडेशन डॉ सुनील अग्रवाल ने कहा, “छात्राओं ने चिकित्सक पर गंभीर आरोप लगाए हैं। जांच समिति की रिपोर्ट के आधार पर उचित कार्रवाई की जाएगी।” वहीं एक नर्सिंग छात्रा ने नाम न बताने की शर्त पर कहा, “हम यहां प्रशिक्षण के लिए आए हैं, अपमान और असुरक्षा सहने के लिए नहीं।

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राकेश कुमार विश्वकर्मा को मिडिया के क्षेत्र में 5 वर्षों से अधिक का अनुभव है। पाठकों से भावनात्मक जुड़ाव बनाना उनकी लेखनी की खासियत है। अपने पत्रकारिता के लंबे करियर में ट्रेंडिंग कंटेंट को 'वायरल' बनाने के साथ-साथ राजनीती और मनोरंजन जगत पर भी विशेषज्ञता हासिल की है।

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